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प्रतापगढ़:लोक विधा मे दुर्गा प्रसाद तिवारी का संस्कृत वांग्यमय मे योगदान अमूल्य


परिचर्चा संगोष्ठी मे संस्कृत परिषद ने अर्पित की पुष्पांजलि
लालगंज प्रतापगढ़। क्षेत्र के मनीपुर निवासी संस्कृत विद्वान स्व0 दुर्गा प्रसाद तिवारी के व्यक्तित्व पर आधारित संस्कृत परिषद द्वारा विचारगोष्ठी द्वारा वक्ताओं ने उन्हे संस्कृत वांग्यमय का मूर्धन्य विद्वान ठहराया। सोमवार को संस्कृत विद्वानों की सभा मे दुर्गा प्रसाद तिवारी को सरल व्यक्तित्व का जीवन्त व्यक्तित्व ठहराते हुये लोगों ने उनकी सेवाओं को नमन किया। कांग्रेस के राज्यसभा प्रमोद तिवारी ने कहा कि दुर्गा प्रसाद तिवारी ने संस्कृत व्याकरण एवं लोक विधा मे पीढ़ी को संस्कृत भाशा के उन्नयन मे अमूल्य योगदान देकर रामपुरखास का मान बढ़ाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व एसडीएम जयनाथ व संचालन लखनऊ उच्च न्यायालय के स्टैण्डिंग काउन्सिल दयाषंकर तिवारी ने किया। इस मौके पर आचार्य षिवमूर्ति षास्त्री, विषालमूर्ति मिश्र, डा0 षक्तिधर नाथ पाण्डेय, सुधाकर षुक्ल, गिरीष मिश्र, सांसद प्रतिनिधि भगवती प्रसाद तिवारी, डा0 दुर्गा प्रसाद ओझा, प्राचार्य डा0 राजकुमार पाण्डेय, प्रभाकर द्विवेदी, यमुना प्रसाद तिवारी, रमाषंकर तिवारी, संस्कृत शिक्षक समिति के जिलाध्यक्ष आचार्य राजेश मिश्र, प्रधानाचार्य सुनील शुक्ल, डा0 वीरेन्द्र मिश्र, शिवदर्शन तिवारी, आदि रहे। 

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