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प्रतापगढ़:लालगंज प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की हाईकोर्ट तक पहुंची गूंज


ब्लाक मे कर्मचारियों से अभद्रता तथा जिला प्रशासन के ढुलमुल रवैये पर कोर्ट ने लगाई फटकार

लालगंज प्रतापगढ़। स्थानीय ब्लाक में आगामी बीस सितम्बर को होने वाले अविश्वास प्रस्ताव के सियासी जंग का पारा तो चढ़ा ही है। गुरूवार को अविश्वास प्रस्ताव की तारीख मुकर्रर करने के लिये अविश्वास प्रस्ताव की कार्रवाई की यह जंग हाईकोर्ट तक पहंुच गयी। दरअसल एसडीएम अभय पाण्डेय के अचानक अवकाश पर जाने को लेकर बीडीसी सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव की तारीख बढ़ाये जाने का संशय दिखने लगा। इसके तहत क्षेत्र पंचायत सदस्य सुरेन्द्र सिंह के द्वारा बीस तारीख के अविश्वास प्रस्ताव को टाले जाने की आशंका को लेकर दायर याचिका उच्च न्यायालय ने स्वीकार कर ली। हाईकोर्ट मे याची की ओर से बहस करते हुये वरिष्ठ अधिवक्ता सीबी पाण्डेय ने कहा कि जिला प्रशासन सरकारी तंत्र के इशारे पर अविश्वास प्रस्ताव की तारीख को टालने की साजिश रच रहा है। अधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष बहस करते हुये बीती चैबीस अगस्त को लालगंज ब्लाक मे अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ अभद्रता का भी व्यौरा पेश किया। इस पर हाईकोर्ट की डबल बेन्च ने पूरी प्रक्रिया को लेकर आगामी अठारह सितम्बर की तारीख मुकर्रर करते हुये जिला प्रशासन और राज्य सरकार से जबाब सवाल तलब किया है। हाईकोर्ट मे जब बीती चैबीस अगस्त को बीडीसी की बैठक के दौरान मौजूदा ब्लाक प्रमुख रमेश प्रताप सिंह के द्वारा उपस्थित सत्यापन रजिस्टर कर्मचारी से छीन लिये जाने तथा बीडीओ समेत कर्मचारियों से अभद्रता करने का तथ्य सामने आया तो कोर्ट का रूख बेहद सख्त हो उठा। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सीबी पाण्डेय के मुताबिक हाईकोर्ट ने सवाल किया कि एक व्यक्ति जब जमानत पर है तो दूसरा अपराध करने और बीडीओ तथा ब्लाककर्मियों द्वारा सीधे सामूहिक रूप से जिलाधिकारी को शिकायती पत्र सौंपा गया तो प्रशासन ने कदम क्यों नहीं उठाये। हाईकोर्ट मे बहस के दौरान इस बात पर भी आश्चर्य व्यक्त किया गया कि जिन कर्मचारियों ने अपने साथ अभद्रता की शिकायत दर्ज करायी वहां जिला प्रशासन ने आरोपी के खिलाफ कदम न उठाकर कर्मचारियों का ही सामूहिक तबादला कैसे कर दिया। गौरतलब है कि चैबीस अगस्त को ब्लाक मे प्रमुख एवं समर्थकों द्वारा किये गये बवेले के बाद सिर्फ सात सदस्यों ने ही रजिस्टर पर हस्ताक्षर किया था बाकी सदस्य विरोध मे बहिष्कार कर गये थे। मुख्यमंत्री कार्यालय से भी इस घटना की जांच के आदेश आने पर परियोजना निदेशक ने भी ब्लाक मुख्यालय पहंुचकर घटना की जांच के और पीड़ित बीडीओ तथा कर्मचारियों का बयान दर्ज कर डीएम को रिर्पोट सौंप दी। इसके बावजूद कार्रवाई को जिला प्रशासन ने ठंडे बस्ते मे डाल रखा है। हाईकोर्ट ने इसे सरकार के इशारे पर राजनैतिक हस्तक्षेप की टिप्पणी करते हुये सरकारी पक्ष को जमकर फटकार भी लगायी। कोर्ट ने अठारह सितम्बर को सरकार एवं जिला प्रशासन से एक एक बिंदुओं पर स्पष्टीकरण तलब करते हुये बीडीसी सदस्यों की सुरक्षा के भी पुख्ता प्रबन्ध हो। हाईकोर्ट द्वारा याचिका स्वीकार कर लिये जाने और कई बिंदुओ पर स्पष्टीकरण तलब किये जाने की जानकारी यहां हुई तो पूरे दिन कोर्ट का अगला रूख क्या होगा। यही चर्चा छायी देखी गयी। वहीं लोगों का अनुमान है कि अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया मे प्रशासन की ढ़िलाई से अठारह सितम्बर को जिला प्रशासन के सामने कोई बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है। गौरतलब है कि लालगंज मे तैनात एसडीएम अभय पाण्डेय के अचानक छुटटी पर चले जाने के कारण लोग बीस तारीख के अविश्वास प्रस्ताव की तारीख के बढ़ाये जाने की भी आशंका जताते देखे जा रहे है। चर्चा तो यहां तक है कि तारीख को आगे बढ़ाने के लिये किसी भारी दबाव मे एसडीएम अभय पाण्डेय को अवकाश पर भेज दिया गया है।

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