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एक कोर्ट, एक दिन और फैसले तीन


सत्येन्द्र खरे 
कौशांबी :सोमवार को जनपद एवं सत्र न्यायालय में नया इतिहास रच गया। जब जनपद एवं सत्र न्यायाधीश दिलीप सिंह यादव ने एक के बाद एक तीन फैसले सुनाए। उन्होंने बचाव पक्ष को सुनने के बाद हत्या के दो मामलों में उम्र कैद व आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में आरोपी को आठ साल की सजा सुनाई। साथ ही आरोपियों के खिलाफ अर्थदंड की भी सजा सुनाई। इसी के साथ लंबित इन तीनों ही मामलों का निपटारा हो गया। और पैरोकारों को कचेहरी के चक्कर लगाने से मुक्ति मिल गई। 
पहली घटना में अभियोजन की ओर से हत्या के मामले में आठ गवाहों को पेश किया गया। सोमवार को मामले की अंतिम सुनवाई हुई। न्यायालय ने शासकीय अधिवक्ता विनय कुमार यादव व बचाव पक्ष को सुनने के बाद चारों को हत्या का दोषी पाया। न्यायालय ने सभी को उम्र कैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही सभी पर दस-दस हजार का अर्थदंड लगाया। दूसरे हत्या मामले में सोमवार को ही जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिलीप सिंह यादव ने सुनवाई की। आरोपी को दोष सिद्ध पाते हुए आठ वर्ष की कठोर कैद व 12 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में शासकीय अधिवक्ता विनय कुमार यादव ने सात गवाहों को न्यायालय में पेश किया। सोमवार को मामले की अंतिम सुनवाई हुई। न्यायाधीश दिलीप सिंह यादव ने सुनने व उपलब्ध साक्ष्यों के अवलोकन के बाद आरोपियों को दोषी पाया। उन्होंने तीनों आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाते हुए दस-दस हजार का अर्थदंड लगाया।

 पहला मामला
घटना पिपरी थाना क्षेत्र के लोधौर गांव की हैं। पीड़ित चंद्रभान सिंह ने बताया कि उनकी बेटी वंदना को गांव के ही युवक रमनसिंह रास्ते में परेशान करता था, जिससे वह स्कूल भी नहीं जा पाती थी। 25 दिसंबर 2005 को वंदना छत पर बैठी थी। दूर से रमन अश्लील हरकत कर रहा था। जिससे वह दुखी हो गई और घर के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पिता की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया। 
दूसरा मामला

घटना करारी थाना क्षेत्र के अकीमपुर गांव की है। गांव के धरमपाल ने बताया कि वे और उनके भाई बिरजू घर के दरवाजे पर चार जनवरी 2003 की रात सो रहे थे। इसी दौरान भुग्गन पासी, फगुहारी पासी, बड़कू निवासीगण हकीमपुर व अजरुन पुत्र गुलाब निवासी फरीदनपुर अपने साथियों के साथ कही डकैती डालने के लिए जा रहे थे। जैसे ही वह उनके घर के पास पहुंचे तो धरमपाल की अचानक नींद खुल गई। धरमपाल ने इसकी जानकारी अपने भाई बिरजू को दी। बिरजू ने उनको देखकर शोर मचाया। इस पर सभी ने मिलकर उसकी हत्या कर दी थी। पुलिस ने धरमपाल की तहरीर पर चारों आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया। मामले की विवेचना के बाद पुलिस की ओर से आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया था।

तीसरा मामला 

2012 में पइंसा थाना क्षेत्र के जगन्नाथपुर गांव के मजरा हिसामपुर का है। हिसामपुर निवासी नथन यादव का गांव के ही हामिद अली, अमरनाथ पासी व विद्वान गोस्वामी से भूमि विवाद चल रहा था। सात दिसंबर 2012 को उसकी पत्नी मालती देवी शौच के लिए घर से निकली थीं तभी आरोपियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। नथन की तहरीर पर पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था।

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