सत्येन्द्र खरे
कौशांबी : बिजली विभाग का हाल बेहाल है। अधिकारियों व कर्मचारियों को मोटी सैलरी मिलती है। इसके बाद भी वह अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे। विभाग में करीब 150 किसानों नलकूपों को उर्जाकृत ने के लिए हजारों रुपये जमा कर दिया। वह महीनों से विभागीय स्टोर से सामग्री उठाने के लिए चक्कर लगा रहे। विभागीय अधिकारी उनकी मदद को लेकर केवल असमर्थता दिखा रहे।
किसानों के लिए बिजली किसी वरदान से कम नहीं। जिले के करीब 11 हजार किसानों ने निजी नलकूप के कनेक्शन ले रखा है। वह अपनी फसल की सिंचाई नलकूप की मदद से कर रहे। इसके साथ ही 150 किसानों ने कनेक्शन के लिए विभाग की ओर से मांगी जाने वाली करीब 60 हजार की फीस तो जमा कर दिया, लेकिन उनको छह माह से सामग्री नहीं मिल सकी। जिसके कारण किसान अपनी पूंजी फंसाने के बाद विभागीय अधिकारियों के चक्कर लगा रहे। वही विभाग की ओर से उनको सामग्री न होने की बात कहते हुए उनकी मदद से हाथ खड़े कर रहा।
निजी नलकूपों के लिए नहीं है कोई सामग्री
बिजली विभाग के अधिकारियों को दाव है कि निजी नलकपू के लिए न तो उनके पास तार है और न ही ट्रांसफार्मर। बिजली के खंभा थे। जिसको कुछ किसानों को दिया गया है। 15 दिनों से वह भी खत्म हो गया है। विभागीय अधिकारियों को मांग पत्र भेजा गया है, लेकिन अब तक कोई भी सामग्री नहीं मिली है।
परेशान है किसान
नलकूप का कनेक्शन लेने के लिए विभिन्न क्षेत्र के 150 किसानों ने आवेदन किया है। वह विभागीय प्रक्रिया पूरी करते हुए 60 हजार रुपये जमा भी कर चुके हैं। उनको अब तक बिजली विभाग की ओर से कोई सामग्री नहीं दी है। सिराथू तहसील क्षेत्र के केन भौतर निवासी दिनेश चंद्र त्रिवेदी पुत्र लालता प्रसाद ने बताया कि उन्होंने तीन जुलाई को विभागीय स्टोर रूप में वर्क आडर की कापी जमा की गई है। तब से लेकर वह करीब तीन दर्जन से अधिक बार विभागीय कार्यालय के चक्कर लगा चुके है, लेकिन अब तक उनको विद्युत पोल के अलावा कोई सामग्री नहीं मिल सकी। वहीं दूसरी ओर उनके गांव के ही राकेश सिंह पुत्र सुरेंद्र सिंह और दिर्गज सिंह पुत्र शिवमूर्ति सिंह निवासी टांडा कौशांबी भी विभागय कार्य शैली को लेकर परेशान है। उनका कहना है कि पहले से पता होता कि बिजली विभाग के कर्मचारी इतना परेशान करेंगे। नहीं तो वह नलकूप के कनेक्शन कभी न लेते।
क्या कहते है जिम्मेदार
विभाग की ओर से नलकूप सामग्री की मांग की गई है। अभी तक कोई भी सामग्री नहीं मिली है। सामग्री के लिए विभागीय अधिकारियों से वार्ता भी हो रही है। जल्द ही सामग्री मिलने की संभावना है।
उमेश कुमार, एसडीओ स्टोर
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