पेड़ से गिरने पर शुक्रवार को हुई हिसामपुर गांव के लालता की मौत
प्रभारी सीएमएस बोले, परिजनों ने नहीं मांगा इमरजेंसी वाहन
कौशाम्बी :जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टरों ने शुक्रवार को एक बार फिर घोर लापरवाही की। मृतक का शव ले जाने के लिए चिकित्सकों ने एम्बुलेंस का इंतजाम नहीं किया। नतीजतन परिजनों को बाइक से लाश ले जानी पड़ी। इतनी बड़ी अंधेरगर्दी पर अब पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है।
करारी इलाके के हिसामपुर (इस्माइलपुर) गांव का लालता प्रसाद (30) मजदूरी करके परिवार चलाता था। शुक्रवार सुबह वह लकड़ी तोड़ने के लिए पेड़ पर चढ़ा था। इस दौरान पैर फिसल जाने की वजह से नीचे गिर गया। हादसा देख आसपास रहे लोग सन्न रह गए। जानकारी पाकर मौके पर पहुंचे परिजन आननफानन में लालता को लेकर जिला अस्पताल आए। यहां चेकअप के बाद डॉक्टरों ने मौत की पुष्टि कर दी। ऐसे में शव ले जाने के लिए परिवार वाले एम्बुलेंस मांगने लगे। काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी इमरजेंसी वाहन नहीं मिला तो गुस्साए पीड़ित बाइक से ही लाश लेकर घर चले गए। ड्यूटी पर रहे डॉक्टरों ने इमरजेंसी वाहन क्यों नहीं उपलब्ध कराया ? इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है। जबकि संयुक्त जिला चिकित्सालय में एक नहीं दो एम्बुलेंस है।
क्या है नियम
प्रभारी सीएमएस डॉ. अरविंद कनौजिया का कहना है कि जिला अस्पताल में इलाज के दौरान किसी की मौत हो अथवा मृतक का शव ही लाया जाए। दोनों स्थिति में लाश ले जाने के लिए इमरजेंसी वाहन की व्यवस्था की जानी चाहिए। आशंका होने पर पुलिस को सूचना देकर शव का पोस्टमार्टम कराए जाने का नियम है।
इनका कहना है
मृतक की लाश घर भेजने के लिए डॉक्टर ने इमरजेंसी वाहन बुलाया था। परिवार वालों ने वाहन का इंतजार ही नहीं किया और शव लेकर घर चले गए। इसमें डॉक्टर की कोई लापरवाही नहीं है।
डॉ. अरविंद कनौजिया-प्रभारी सीएमएस
मैं तीन दिन से अवकाश पर हूंं। मुझे मामले की जानकारी नहीं है। डॉक्टर ने एम्बुलेंस की व्यवस्था जरुर की होगी। इतनी बड़ी लापरवाही संभव ही नहीं है।
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