खुर्शीद खान
सुलतानपुर। पुलिस व पूर्व मंत्री के परिवारीजनो के बीच हुई जंग के मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर एसीजेएम चतुर्थ की अदालत में पेश किया। जिनकी रिमांड स्वीकृत कर न्यायाधीश मनीष निगम ने उन्हे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने का आदेश दिया है।
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मालूम हो कि बीते 09 सितम्बर को हुई घटना का जिक्र करते हुए जयसिहंपुर कोतवाली के दरोगा पवन कुमार मिश्रा ने पूर्व मंत्री के परिजनों व समर्थकों पर मुकदमा दर्ज कराया। जिसमें आरोप है कि वाहन चेकिंग के दौरान उन्होंने पूर्व मंत्री के समर्थक से कागजात मांगे तो पैरवी में आए पूर्व मंत्री के बेटे ग्राम प्रधान राम विशाल यादव व अन्य ने पुलिस कर्मियों को जमकर मारापीटा और सरकारी काम में बाधा डाला। इस मामले में पूर्व मंत्री के बेटे राम भूवर, रामविशाल यादव व नाती सूरज यादव अंकित यादव, इंद्रमणि यादव, सूर्यमणि यादव के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है। अपनी पिटाई से नाराज पुलिसकर्मियो ने इस घटना के बाद पूर्व मंत्री के घर से अवैध शराब बरामदगी व असलहे समेत अन्य सामानो को बरामद दर्शाते हुए एक और मुकदमा दर्ज कराया है।इन मामलों में आरोपीगण रामभूवर, मनोराम, राजेश, रामआधार, अंकित को गिरफ्तार कर एसीजेएम चतुर्थ की अदालत में पेश किया गया। इस दौरान बचाव पक्ष की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अरविंद सिंह राजा ने पुलिस के आरोपों को मनगढ़ंत एवं निराधार बताया। बचाव पक्ष के मुताबिक पुलिस पूर्व मंत्री के परिवार के शराब के ठेके से अक्सर मुफ्त में शराब व अवैध वसूली मांगती थी। जिसका विरोध करने की वजह से पुलिस इनसे नाराज चल रही थी।इसी रंजिश के कारण शनिवार को हुए मामूली विवाद को तूल पकड़ाते हुए साजिश के तहत अपने ही माध्यम से पुलिस ने अवैध सामानों को इकट्ठा कर फर्जी ढंग से उसकी बरामदगी पूर्व मंत्री के घर से दर्शाते हुए गलत ढंग से मुकदमा दर्ज कराया है,इसके अलावा बचाव पक्ष ने पुलिस पर लूटपाट व तांडव का आरोप लगाते हुए शस्त्रो से लैश पुलिसकर्मियों की पिटाई के आरोप को भी मनगढ़ंत एवं निराधार बताया है। मामले में अंकित की तरफ से प्रस्तुत जमानत अर्जी पर सुनवाई के पश्चात न्यायाधीश मनीष निगम ने थाने से आख्या व अंकित की क्रिमिनल हिस्ट्री तलब कर जमानत के लिए 13 सितम्बर की तिथि नियत की है।
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