राकेश गिरी
बस्ती । प्रदेश के प्रशिक्षित फार्मासिस्टों को सरकार अवसर दें तो स्वास्थ्य सेवाओं को बदहाली से बचाया जा सकता है। एक तरफ तो सरकार संविदा के चिकित्सकों से जैसे-तैसे काम चला रही है वहीं लगभग 40 हजार फार्मासिस्ट बेरोजगार है। उन्हें तत्काल सेवाओं से जोड़कर स्थितियों को संभाला जा सकता है। यह विचार एसोसिएशन ऑफ डिप्लोमा फार्मासिस्ट के प्रदेश अध्यक्ष डा. वाहिद सिद्दकी ने सोमवार को प्रेस क्लब में व्यक्त किया। वे विश्व फार्मासिस्ट दिवस पर आयोजित संयुक्त कार्यक्रम को मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।
डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन जिला सचिव डा. जमाल अहमद ने कहा कि दुखियों की सेवा फार्मासिस्टों का धर्म है। फार्मासिस्टों को उनका अधिकार मिलना चाहिये।
कार्यक्रम को डा. मनोज चौधरी, डा. रमेश चन्द्र चौधरी, डा. डी.पी. सिंह, डा. मनोज पाण्डेय, डा. शैलेन्द्र राय, डा. रोशनलाल कन्नौजिया, डा. श्याम नरायन चौधरी, डा. जफर अहमद अंसारी, डा. करूण सागर त्रिपाठी, डा. रामतेज गुप्ता आदि ने सम्बोधित किया। वक्ताओं ने फार्मासिस्टों की उपयोगिता और समस्याओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।
प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में डा. गंगाराम, डा. प्रशान्त पाण्डेय, डा. प्रमोद कुमार, डा. संदीप शुक्ल, डा. वसीउल्ला अंसारी, डा. कैलाश चन्द्र, डा. दयानन्द, डा. सुहेल अहमद, डा. वीरेन्द्र यादव, डा. परवेन्द्र कुमार, डा. ईश्वर चन्द्र, डा. मनोज आर्या, डा. राजेश पटेल, डा. श्रवण यादव, डा. मधुर प्रकाश, डा. श्याम मोहन, डा. राजेन्द्र प्रसाद, डा. अशोक सिंह, डा. ओम प्रकाश, डा. अजय शर्मा, डा. चन्द्र गुप्त मौर्य, डा. हनुमान पाण्डेय, डा. योगेन्द्र शुक्ल, डा. आशुतोष उपाध्याय, डा. घनश्याम शर्मा, डा. संजय कुमार, डा. रंजय कुमार के साथ ही अनेक फार्मासिस्ट उपस्थित रहे।