खुद ही क़ातिल खुद ही मुंसिफ,फैसला हो तो कैसे हो???
अमरजीत सिंह
फैज़ाबाद: बैंगलोर कर्नाटक की निर्भीक महिला पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए रुदौली के पूर्व विधायक व पूर्व मंत्री सैयद अब्बास अली जैदी उर्फ़ रुश्दी मिया ने उक्त बातें कहते हुए आगे कहा कि निर्भीक महिला पत्रकार दक्षिण पंथी विचारों की मुखर विरोधी थी और कभी भी ये बताने में पीछे नहीं रहती थी वह एक धर्म निरपेक्ष देश की नागरिक हैं और हर तरह की धार्मिक कट्टरता के खिलाफ थी खासकर आर एस एस और बीजेपी के विचारों की धुर विरोधी थी और उनके खिलाफ जमकर लिखती थी यही वजह है कि उनकी हत्या कर दी गई गौरी लंकेश की हत्त्या जनतन्त्रत और लोक तन्त्रत और इंसानियत की हत्त्या है और यह सीधे चौथे स्तम्भ पत्रकारिता पर हमला है आज़ाद भारत में इस तरह की घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या यही आज़ादी थी जिसके लिए लाखों हिंदुस्तानियों ने अपनी जान की कुर्बानियां दी थी ये हत्या किसके इशारे पर हुई ये भाजपा विधायक जीवा राज के इस बयान से साबित होती हैं जिसमे उन्होंने कहा है कि यदि गौरी लंकेश भाजपा व संघ के खिलाफ न लिख रही होती तो आज जीवित होती रुश्दी मियां ने पत्रकारों पर आये दिन हो रहे हमलों को देखते हुए सरकार से पत्रकारों की सुरक्षा के व्यापक इंतिज़ाम किये जाने की मांग करते हुए मृतक गौरी लंकेश के परिवार वालो के प्रति शोक सवेदना व्यक्त की गौरी लंकेश की हत्या की निंदा करने वालो में जब्बार अली,मो अतीक खान,ग़ज़ाली मियां,हाजी अमानत अली,डॉक्टर साजिद,गया शंकर निषाद एड्वोकेट,गोविन्द प्रताप सिंह,अब्दुल जब्बार एड्वोकेट,शहीम अहमद,मो अली,आरिफ प्रधान,मो.अली,आमिर खान,ग़ुलाम अंसारी,शाह सलमान,तारिक़ रुदौलवी,डॉक्टर शब्बीर ,मो आलम, डाक्टर मुस्लिम,आफ़ताब अनवर ,अरसलान शेख आदि लोग भी शामिल हैं
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