रावण दहन के साथ ही संपन्न हुआ विजयदशमी पर्व
अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर । जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय सहित लगभग एक दर्जन स्थानों पर विजय दशमी कार्यक्रम आयोजित हुआ । राम ने रावण का वध करते हुए असत्य पर सत्य की विजय प्राप्ती का सन्देश दिया वहीँ प्रतीक स्वरुप रावण कुंभकरण मेघनाथ के पुतले का दहन किया गया जिससे संदेश समाज में जाता है कि असत्य की विजय कभी भी नहीं हो सकती और असत्य के मार्ग पर चलने वालों का हस्र कुछ ऐसा ही होता है । जिला मुख्यालय के बड़ा परेड ग्राउंड में विजयदशमी का भव्य आयोजन किया गया जिसमें राजपरिवार के कुंवर जयेंद्र प्रताप सिंह, सांसद श्रावस्ती दद्दन मिश्रा, विधायक सदर पलटू राम, डीएम राकेस कुमार मिश्रा व एसपी प्रमोद कुमार के अलावा सनातन धर्म सभा के पदाधिकारी व बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक मौजूद थे । रावण मेघनाथ और कुंभकरण के आदमकद पुतला में श्रीराम व लक्ष्मण ने बाणों की बौछार कर आग लगाई । जिसके बाद पुतला धू धू कर जलने लगा ।
जानकारी के अनुसार जनपद बलरामपुर का ऐतिहासिक दशहरा मेला रावण कुंभकरण व मेघनाथ के विशालकाय प्रतिमा के दहन के साथ संपन्न हुआ । गंगा जमुनी सभ्यता का प्रतीक जनपद बलरामपुर में विगत 70 वर्षों से दशहरा मेला का आयोजन बड़ा परेड ग्राउंड में किया जा रहा है । बलरामपुर राज परिवार द्वारा शुरु किया गया यह कार्यक्रम आज भी सनातन धर्म सभा के सहयोग से राज परिवार द्वारा ही संपन्न कराया जाता है । वैसे तो जिला में लगभग डेढ़ दर्जन स्थानों पर रामलीला का मंचन किया जाता है । जिला मुख्यालय पर होने वाले दो स्थानों पर रामलीला के मंचन का विशेष महत्व है । 1943 में शुरू किया गया रामलीला मंचन आज भी अनवरत जारी है । शरद मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से रामलीला मंचन शुरू होता है जो लगातार पूर्णिमा तक चलता है । इसी बीच विजयदशमी के दिन बड़ा परेड ग्राउंड में विशालकाय रावण कुंभकरण व मेघनाथ का पुतला तैयार कर भगवान राम द्वारा बाणों की बौछार कर दहन किया जाता है । रावण दहन देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु इकट्ठे होते हैं और इससे पूर्व राजपरिवार व सनातन धर्म सभा शोभा यात्रा निकाल कर स्वागत किया जाता है । साथ ही बुराई पर अच्छाई व असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक विजयदशमी पर्व के विषय में लोगों को जानकारी दी जाती है । यह परंपरा लगातार 70 वर्षों से जारी है ।
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