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भाजपा विधायक के खिलाफ पड़ी अर्जी को सीजेएम कोर्ट ने किया खारिज़


खुर्शीद खान 
सुलतानपुर। भाजपा विधायक व थानाध्यक्ष समेत सात लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को लेकर पड़ी अर्जी को सीजेएम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सीजेएम विजय कुमार आजाद ने दंड प्रक्रिया संहिता व सुप्रीम कोर्ट की एक विधि व्यवस्था का हवाला देते हुए लोक सेवक के विरूद्ध बगैर शासन की अनुमति के संज्ञान न ले पाने का तथ्य दर्शाते हुए अर्जी को पोषणीय नही माना।   
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मामला लम्भुआ थाना क्षेत्र के श्रीपतिपुर गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले श्यामलाल प्रजापति ने अपने खाते की जमीन पर हुए निर्माण कार्य को कोर्ट के स्थगन आदेश के बावजूद भी ढहाने समेत अन्य मामलों में भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी समेत सात लोगो के खिलाफ सीजेएम कोर्ट मे मुकदमा दर्ज कराने को लेकर अर्जी दी थी। जिसमें आरोप है कि उसके विपक्षी उदयप्रताप सिंह, सुरेन्द्र सिंह, अशोक तिवारी ने स्थानीय लेखपाल ओमप्रकाश, कानूनगो राधेश्याम, तत्कालीन थानाध्यक्ष मदनलाल ने विधायक देवमणि द्विवेदी के प्रभाव में उसके निर्माण कार्य को ढहा दिया और कब्जे का प्रयास किया। इसी मामले में सीजेएम विजय कुमार आजाद ने थाना से आख्या तलब की। आख्या आ जाने पर मामले में बहस की प्रक्रिया पूरी कर पत्रावली आदेश के लिए सुरक्षित रख ली गयी थी। सीजेएम ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कराने के आदेश को लेकर पड़ी अर्जी को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 197 का जिक्र करते हुए कहा है कि थानाध्यक्ष मदनलाल लोेकसेवक है। जिनके विरूद्ध शासन की पूर्व अनुमति के बिना कोई भी कार्यवाही न्यायिक मजिस्ट्रेट के जरिए संचालित नही की जा सकती है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का भी हवाला देते हुए अर्जी को पोषणीय न मानते हुए खारिज कर दिया है। साथ ही अदालत ने अभियोगी के लिए कहा है कि शासन से मंजूरी मिलने के बाद ही लोकसेवक के विरूद्ध कार्यवाही के लिए अदालत से मांग करे तो अदालत उस पर विधि अनुसार कार्यवाही अमल में लाएगी।

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