सुनील गिरी
हापुड: आपने महिलाओ के खिलाफ होने वाले अत्यचार की बहुत खबरे ओर बहुत सारी संस्था के नाम सुने हिन्ज लेकिन हम आज आपको पुरषो के लिए बनी संस्था के बारे में बताए गए उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड में पति परिवार समिति लखनऊ द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया जिस में पुरुष पर हो रहे अत्याचार को लेकर लोगो को जागरूक करने व सरकार से महिलाओ की तरह पुरषो के लिए कानून बनाने की मांग की गई साथ ही एक पुरुष हेल्प लाइन नम्बर 8882-498-498 भी जारी किया गया । जिसके जरिये कोई भी पीड़ित पुरुष कभी भी फोन कर सहायता प्राप्त कर सकता है । बताया जा रहा है के ये संस्था पिछले दो साल से पीड़ित पुरषों की मदद कर रही है । इस संस्था की अध्यक्षा महिला होने के बावजूद पुरषों के लिए काम कर रही है ।
पति परिवार कल्याण समिति लखनऊ संस्था से जुड़े लोगों का कहना है आजकल महिलाएं पुरुषों पर दहेज, रेप, छेड़छाड़, जैसे फर्जी केस लगाकर जेल भिजवा देती हैं हमारी संस्था द्वारा पीड़ित लोगों की मदद की जाती है फर्जी केस लगने के बाद पुरुषों में आत्महत्या के मामले भी बढ़ रहे हैं संस्था के लोगों ने कहा है कि हमे भारत की पहली पुरुष हेल्प के बारे में लोगों को जागरूक करना है । संस्था की अध्यक्षा ने बताया हमारे देश में महिलाओ के लिए करीब सरकार ने 48 कानून बनाये हुए है जबकि पुरषो के लिए एक भी कानून नही है ऐसा नही है कि हर बार पुरूष ही दोषी होता है लेकिन महिला व उनके परिजन पुरुषों को झूठे दहेज व प्रताड़ना के केस लगवा कर उसे जेल भेज दिया जाता है जब कि कई मामलों में महिला पुरुष के साथ ही नही रहना चाहती लेकिन फिर भी पुरुष को ही क्रूर समझ कर जेल में डाल दिया जाता है इतना ही नही उसके परिजनों तक को प्रतारणा सहने पड़ती है जिस कारण पुरुष आत्महत्या करने को मजबूर हो जाते है ताजा मामला गाजियबाद में पारिवारिक कलह के कारण एक आईपीएस को आत्महत्या करनी पड़ी हमारी संस्था ने पिछले दो सालों में सेकड़ो पुरुषों को काउंसलिंग के जरिये आत्महत्या से रोक है ।
अध्यक्षा का ये भी कहना है के जिस तरह सरकार महिलाओं के कल्याण के लिए कई योजना चला रही है पुरषों के लिए भी सरकारी योजना बन्नी चाहिए । थाने में भी महिलओं की तरह पुरुषों के लिए भी डेस्क ऑफिसर तैनात रहना चाहिए । जिस तरह महिलाये पुरषों पर दहेज के झूठे मुकदमे दर्ज करती है महिला के परिजन कोर्ट में चीलाचीला कर बोलते है कि हमने शादी के दौरान दहेज में लाखो रुपए खर्च किये है तो क्यो कानून की नजर में वो दोषी नही है जिस तरह से दहेज मांगना अपराध है तो दहेज देना अपराध क्यो नही है क्यो ऐसे परिजनों पर कोर्ट में मुकदमा चलाया जाता है जब कि पत्नी के कह देने भर से वो पुरुष समाज और कानून की नजर में एक दहेज लोभी हो जाता है ओर वो बेकसूर होते हुए भी महिलाओ द्वारा पुरषो का शोषण कर रहे है हम ये संस्था अपनी छोटी बचत से चलते है और सरकार से हमे कोई भी सहायता प्राप्त नही है हमारा मुख्य उद्देश्य ये है कि अब तक देश मे एन सीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार साल में 64 हजार पुरषो द्वारा आत्महत्या की जा रही है इन पर किसी तरह से अंकुश लगा सके जिससे किसी परिवार में बूढ़े मा बाप बुढ़ापे में अपनी बुढ़ापे की लकड़ी को न खो दे।
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