मोतीपुर(बहराइच)। कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के मोतीपुर रेंज से सटे झाला के बक्शीपुरवा में जंगल से निकली बाघिन ने पशु बाड़े में घुसकर बैल को मार डाला। बाघिन और बैल में जबरदस्त भिड़न्त हुई। जिंदगी-मौत के इस संघर्ष के शुरुआती क्षणों में बैल बाघिन पर भारी पड़ा। लेकिन जब बाघिन के नुकीले जबड़े में बैल के गले की हड्डी आ गई तो बैल धराशाई होकर जमीन पर गिर पड़ा। मवेशियों के रंभाने की आवाज पर जागे ग्रामीणों के हांका लगाने पर बाघिन बैल की लाश छोड़कर गन्ने के खेत में चली गई। इलाके में बाघ व तेंदुए के लगातार हो रहे हमलों से ग्रामीण दहशत में हैं। वन अफसरों ने ग्रामीणों को सतर्क रहने की हिदायत दी है।कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग में मोतीपुर रेंज के झाला गांव के मजरा बक्शीपुरवा निवासी मालिकराम यादव शनिवार रात अपने बेटे जीतेन्द्र के साथ घर के बरामदे में सो रहे थे। रात करीब दो बजे उनके बाड़े में बंधे बैल पर बाघिन ने हमला बोला। बैल के रंभाने की आवाज सुनकर मालिकराम की नींद खुली तो मंजर देख उनके होश उड़ गए।खुद पर हमले के डर से मालिकराम बच्चे को गोद में लेकर छुप गए। उन्होंने बताया कि खूंटे से बंधा बैल बाघिन से बराबर संघर्ष कर रहा था। बैल ने सींग से हमलाकर तीन मर्तबा बाघिन को हवा में उछालकर फेंक दिया। लेकिन बाघिन उसकी पीठ, कूल्हे व गले पर लगातार हमले कर रही थी। जब बाघिन के जबड़ों की मजबूत पकड़ बैल के गले पर पड़ी तो धीरे-धीरे मौत की आगोश में खो गया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी जिस पर डिप्टी रेंजर रमाशंकर सिंह टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
डिप्टी रेंजर रामशंकर सिंह ने पग चिन्हों के आधार पर बाघिन के हमले की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि संभव है बाघिन के साथ उसके शावक भी हों। उन्होंने ग्रामीणों को सतर्क रहने की हिदायत दी है। साथ ही यह भी कहा कि सुरक्षित स्थानों पर मवेशी बांधे जाएं और चारा लाने या खेत जाते समय विशेष ध्यान रखा जाए। हो सके तो लोग झुंड में निकलें। अप्रिय घटना या बाघ दिखने पर तत्काल सूचना दें। पीड़ितों को जल्द मुआवजा मिलेगा।
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