राकेश गिरी
बस्ती। 1965 में भारत पाकिस्तान युद्ध में असाधारण बहादुरी के लिए महावीर और परमवीर चक्र विेजेता वीर अब्दुल हमीद को कांग्रेसजनों ने उनके शहादत दिवस पर याद किया। पार्टी कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुये जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र प्रताप पाण्डेय ने कहा कि अब्दुल हमीद का जन्म उत्तर प्रदेश में गाजीपुर के धरमपुर गांव के एक मुस्लिम दर्जी परिवार में 1 जुलाई, 1933 को हुआ था। अब्दुल हमीद की रुचि अपने पारिवारिक कार्य में बिलकुल नहीं थी।
कांग्रेस नेता ने कहा लाठी चलाना, कुश्ती का अभ्यास करना, पानी से उफनती नदी को पार करना, गुलेल से निशाना लगाना एक ग्रामीण बालक के रूप में इन सभी क्षेत्रों में हमीद का कोई जवाब नहीं था। उनका एक बड़ा गुण था सबकी यथासंभव सहायता करने को तत्पर रहना। वे अन्याय बिलकुल नही बर्दाश्त करते थे। प्रकार बाढ़ प्रभावित गाँव की नदी में डूबती दो युवतियों के प्राण बचाकर अपने अदम्य साहस का परिचय दिया। आज परूा देश उन्हे याद कर रहा है। उन्होने कहा कि देश के प्रति एक अच्छे नागरिक के रूप में अपनी जिम्मेदारियां निभाकर हम उन्हे सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं।
कांग्रेस उपाध्यक्ष प्रेमशंकर द्विवेदी नें कहा कि भारतीय इतिहास में अब्दुल हमीद जैसे अदम्य साहस का व्यक्तित्व बिरले ही मिलता है। उन्होने समूचा जीवन देश को समर्पित कर दिया। अन्याय के सामने चट्टान की तरह डटकर खड़ा होकर मुकाबला करना उनका स्वभाव बन चुका था। इस अवसर पर अब्दुल हमीद के चित्र पर माल्यार्पण कर कांग्रेसजनों ने उन्हे नमन किया। कार्यक्रम में नर्वदेश्वर शुक्ला, डा. वीएच रिज़वी, विपिन राय, गिरजेश पाल, ज्ञानेन्द्र पांडे, डा. वाहिद सिद्धीकी, पवन कुमार चैरसिया, परवेज अहमद, अतीउल्लाह सिद्धीकी, रंजना सिंह, अलीम अख्तर, गीता सिंह, दमयन्ती सिंह, रामधीरज चैधरी, रामबहादुर सिंह, इफ्तेखार अहमद, पिंकू मिश्रा, सोमनाथ पांडेे, इन्दजीत सिंह, बच्चूलाल गुप्ता आदि उपस्थित थे।
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