सत्येन्द्र खरे
यूपी के कौशाम्बी जिले में किसानो के खेतो की सिचाई के लिए बनाई गई सरकारी नाली पर भू-माफिया ने कब्जा कर लिया है | सबसे चौकाने वाली बात यह है कि भू-माफिया की यह हरकत लोकल इंटेलिजेंस यूनिट के दफ्तर के पीछे खुलेआम की है और जिला प्रशासन को कानोकान इसकी भनक भी नहीं लगी | पूरा मामले सामने आने के बाद नलकूप सिचाई विभाग के सहायक इंजीनियर ने भू-माफिया पर कड़ी कार्यवाही करने की तहरीर मंझनपुर थाने को भेजी, लेकिन पुलिस महकमे ने 3 दिन बाद भी किसानो के हक़ पर डंका डालने वाले भू-माफिया पर कोई कार्यवाही नहीं की है | कौशाम्बी पुलिस के ढुलमुल रवैये से नाराज़ नलकूप सिचाई खण्ड के अधिकारी अब पुलिस अधिकारियों के चक्कर लगा रहे है |
पुलिस के सबसे बड़े अधिकारी दफ्तर के पास ही भू-माफिया ने किसानो के खेतो की सिचाई कर प्यास बुझाने वाली सरकारी नाली को बंद कर उस पर सड़क बना दी | रातो-रात सरकारी नाली को बंद कर सड़क बनाये जाने के मामले की भनक इलाहाबाद स्थित नलकूप सिचाई विभाग को हुयी | जिसके बाद अधिकारी हरकत में आ गए और उन्होंने किसानो के खेतो की सिचाई करने वाली नाली को कब्ज़ा मुक्त कराने के लिए स्थानीय मंझनपुर पुलिस को थाने में जा कर शिकायती पत्र दिया | शिकायती पत्र में इस बात का साफ उल्लेख किया गया है कि किस तरह से सरकारी सिचाई के लिए 2.10 मीटर चौड़ी और 88 मीटर लम्बी नाली को माफिया से अपने निजी फायदे के लिए जबरन जिला प्रशासन की नाक दिए जाने के बाद भी पिछले 3 दिन दिन बाद भी मंझनपुर पुलिस ने भू-माफिया पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की है | ऐसे में जिला मुख्यालय से सटे 100 से अधिक किसानो की धान की फसल सिचाई के आभाव में सुखने की कगार पर है
क्या कहते है सहायक अभियंता सिचाई खण्ड
इस पूरे मामले पर नलकूप सिचाई खण्ड के सहायक अभियंता बद्रुज्ज़मा का कहना है कि उन्होंने नलकूप संचालक के जरिये उनकी सरकारी जमीन पर भू-माफिया के कब्जे की शिकायत मंझनपुर पुलिस स्टेशन में कर दी है | अब उन्होंने किन कारणों से रिपोर्ट नहीं दर्ज की | यह पुलिस के अपने निजी स्वार्थ हो सकते है | पुलिस कार्यवाही न होने के बाद अब वह डीआरओ [ डिस्टिक रिवेन्यु अफसर ] को लेटर भेज कर अपनी भूमि पर अवैध कब्जे का न्यायिक मुकद्दमा दर्ज करायेगे और भू- माफिया को चिन्हित कर उनके खिलाफ सरकार से कार्यवाही की मांग करेगे |
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