पहली अक्टूबर से लागू हो जाएगी नई व्यवस्था
सत्येन्द्र खरे
कौशांबी : अब खाद भी बिना आधार कार्ड के नहीं मिलेगी। किसानों को इसके लिए आधार कार्ड लिंक कराना होगा। फिर समितियों में बायोमीट्रिक मशीन पर अंगूठा लगाने के बाद ही उनको खाद दी जाएगी। अक्टूबर के पहले हफ्ते में यह सेवा प्रदेश भर में शुरू हो जाएगी। ऐसे में खाद सीधे किसानों को मिलेगी और बिचौलिया हावी नहीं हो सकेंगे। वहीं समिति वाले खाद को मनमानी नहीं बेच सकेंगे।
सरकारी सुविधाओं के लिए आधार एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता गया है। कृषि विभाग की ओर से भी अब आधार को खाद वितरण के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। अब तक काफी किसानों का आधार कार्ड कृषि विभाग में लिंक हो चुका है। जिन किसानों का आधार कार्ड लिंक नहीं हुआ है। वह कृषि विभाग में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इसके बाद किसान सहकारी समितियों, एग्रो व रजिस्टर्ड दुकानों से खाद खरीद सकते हैं। वहीं किसानों को सब्सिडी उनके खाते में सीधे दी जाएगी। इसके लिए विभाग की ओर से 140 बायोमीट्रिक मशीनें खरीदकर सहकारी समितियों, एग्रो व रजिस्टर्ड दुकानों को दी गई। विभाग की ओर से आधार से खाद वितरण एक अक्टूबर से शुरू कर दिया जाएगा।
सीधे किसान को लाभ देने के लिए शुरू हुई सुविधा
कृषि विभाग किसानों को अनुदान देता है। अनुदान बिचौलिया के पास न जाकर सीधे किसान को मिले। इसके लिए विभाग की ओर से व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था के लागू होने से किसान को खाद का वास्तविक मूल्य का भुगतान करना होगा। इसके बाद छूट किसान के खाते में भेज दी जाएगी।
क्या कहते है अधिकारी
किसानों की खाद उसके पास पहुंचे। उसका बिचौलिया लाभ न लें। इसके लिए यह व्यवस्था लागू की गई है। शुरूआत में 140 दुकानों से यह सुविधा मिलेगी। इसके बाद विभाग फुटकर दुकानों को इस दायरें में लाएगा।
अभयराज सिंह, जिला कृषि अधिकारी
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