राकेश गिरी
बस्ती । सेवा निवृत्त आई.ए.एस., बस्ती में मुख्य विकास अधिकारी के रूप में कार्य कर चुके लक्ष्मीकान्त शुक्ल का मंगलवार की रात लखनऊ मंे दिल का दौरा पड़ने से अचानक निधन हो गया। मेधा संस्थापक एवं ‘जातिराज’ चर्चित पुस्तक के लेखक लक्ष्मीकान्त ने आरक्षण और छात्रों को शुल्क प्रतिपूर्ति, छात्रवृत्ति आदि सवालों को लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक संघर्ष करके विजय हासिल किया।
मेधा के राष्ट्रीय प्रवक्ता दीन दयाल त्रिपाठी की अध्यक्षता में लोहिया काम्पलेक्स में एक आकस्मिक बैठक कर लक्ष्मीकान्त शुक्ल को श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। डीडी तिवारी ने कहा कि उनके आकस्मिक निधन से जातिगत आरक्षण विरोधी आन्दोलन को बड़ी क्षति पहुंची है। बसपा की सरकार में ‘जातिराज’ पुस्तक पर प्रतिबंध निलम्बन के बाद भी वे अपने लक्ष्य पर अडिग रहे।
श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में प्रवेश कुमार शुक्ल, दीपक दूबे, हरिओम त्रिपाठी, अजय सिंह, उमेश पाण्डेय उर्फ मुन्ना, मनीष पाण्डेय, गिरेश्वर उपाध्याय, सोनू पाठक, जय प्रकाश गोस्वामी, आलोक मिश्र, अनूप मिश्र, प्रमोद श्रीवास्तव, हरेन्द्र उपाध्याय, चन्द्रशेखर चौधरी, दुर्गा प्रसाद दूबे के साथ ही अनेक लोग शामिल रहे।
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