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सुल्तानपुर:नियम कानून को ताक पर रख बीजेपी नेता करा रहे दुकान पर कब्ज़ा, प्रशासन मौन





खुर्शीद खान
सुल्तानपुर. 'जब सैयां भये कोतवाल तो अब डर काहे का' ये कहावत शहर के कुछ बीजेपी नेताओं पर चरित्रार्थ हो रही है। भ्रष्ट्राचार मुक्त करने वाली सरकार के लोग ही खुद भ्रष्ट्राचार को जन्म दे रहे हैं। शहर के  
सुपर मार्केट स्थित नगर पालिका परिषद की खाली पड़ी विवादित ज़मीन पर बीजेपी नेता कूट रचित भूमिका में उतर आए और नियम और कानून को धता बताते हुए दुकान का निर्माण करा रहे है। 


जानें क्या है पूरा मामला

भाजपा नेताओ द्वारा बनाई जा रही दुकान के कागजो की पड़ताल की गई तो मामला सामने आया कि बीते वर्ष 2013 में नगर पालिका प्रशासन द्वारा दुकान आवंटन की साज़िश रची गई थी, जिसके तहत 15 सभासदों ने धरना प्रदर्शन कर दुकान आवंटन का विरोध जताया था। जिसको संज्ञान में लेते हुए तत्कालीन उपजिलाधिकारी सदर एसएन सिंह ने दुकान आवंटन शून्य करते हुए यह आदेश पारित किया था कि नगर पालिका की छवि स्वच्छ रखने के लिए पूर्ण पारदर्शिता हेतु कोई भी कार्यवाही उक्त के सम्बन्ध में बोर्ड में चर्चा उपरांत पूर्ण बहुमत से पारित होने के पश्चात पारित किया जायेगा। 

4 साल में किस तरह रची गई दुकान आवंटन की साज़िश

4 सालों में रणनीति के तहत सुपर मार्किट स्थित विवादित दुकान आवंटन पर पहले नगर पालिका प्रशासन द्वारा बिजली विभाग को 80 हज़ार रुपये देकर ट्रांसफार्मर लगवाया गया। जैसे जैसे नगर में दुकान की कीमतें बढ़ने लगी वैसे पालिका प्रशासन ने ढाई लाख रुपये बिजली विभाग को देकर ट्रांसफार्मर विवादित भूमि के सामने स्थानांतरित करा दिया। तभी से उस खाली ज़मीन पर पालिका प्रशासन की निगाहें गड़ी रही और उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनी तो भाजपा चेयरमैन प्रवीण अग्रवाल और पूर्व ईओ ने बैक डेट में भाजपा नेताओं के नाम उस खाली ज़मीन को आवंटन कर दिया।

दुकान बनवाने में जुटे कई भाजपा नेता

जो भाजपा नेता पूर्व सरकार में भ्रष्ट्राचार,अवैध कब्जा आदि मामलो को लेकर आवाज़ उठाते थे आज वही नेता खुलेआम विवादित आवंटन दुकान को बैठ कर बनवा रहे है। अफसोस तो यह है कि उपजिलाधिकारी सदर प्रमोद पांडेय जो नियम और कानून के खिलाफ बात करते है आज वही एसडीएम साहब को पूर्व एसडीएम व् कमिश्नर का आदेश नहीं दिखाई पड़ रहे है जब कि कमिश्नर फैज़ाबाद का आदेश है कोई भी दुकान पालिका द्वारा बिना नीलामी के आवंटन नहीं किया जा सकता है। ऐसे में यह मानना होगा कि कही न कही सत्ता, शासन व् प्रशासन पर हॉवी है। अब देखना यह है कि इस मामले में जिला प्रशासन क्या कदम उठता है?




पालिका प्रशासन ने गफलत में रखा उपजिलाधिकारी सदर को

जब इस मामले में उपजिलाधिकारी सदर प्रमोद पांडेय से दूरभाष पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि मानचित्र पास है, जब आगे यह बात हुई कि पूर्व एसडीएम एसएन सिंह द्वारा आदेश दिया गया था कि बोर्ड चर्चा में पूर्ण बहुमत के बाद ही दुकान आवंटन किया जायेगा। वही कमिश्नर के आदेश को भी पूछा गया कि कमिश्नर का आदेश है कि पालिका द्वारा बिना नीलामी के कोई भी दुकान आवंटन नहीं किया जायेगा, तो उपजिलाधिकारी ने कहा कि मुझे यह जानकारी नहीं है मैं तत्काल ही ईओ नगर पालिका से पत्रावली मंगवा कर कार्यवाही करता हूँ।
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