सत्येन्द्र खरे
उत्तर प्रदेश में सर्व शिक्षा अभियान की हकीकत देखनी है तो कौशाम्बी का जरुर आइये | यहाँ सरकारी स्कूलों का हाल यह है कि करोडो रुपये खर्च कर स्कूल ऐसी जगहों पर बना दिए गए है जहाँ मामूली से बरसात बच्चो की पढाई को चौपट कर देती है | हालत यह है कि पढाई में रूचि लेने वाले बच्चो को भेड़ बकरियों के बीच एक घर के बरामदे में पढ़ना पड़ रहा है | सरकारी स्कूल और उसके आस-पास जल भराव के सवाल पर शिक्षा विभाग के अधिकारी गाव के दबंगों की हरकत बता कर अपनी जिम्मेवारी से पर्दा डाल रहे है |
नेवादा ब्लाक के हासिमपुर किनार गाव में बच्चो की पढाई से शिक्षा विभाग के अधिकारी और गाव के दबंग मजाक कर रहे है | सरकारी स्कूल में बिन बरसात ही पानी भरा हुआ है | हालत यह है कि बच्चो को स्कूल आने में अपने ड्रेस को गंदे पानी में ख़राब करना पड़ता है | इतना ही नहीं स्कूल के हर कमरे में पानी ही पानी भरा है | स्कूल की हालत देख कई बच्चो ने तो पढाई ही बंद कर दी है |
सरकारी स्कूल हासिमपुर किनार में कुछ बच्चे ऐसे भी है जो स्कूल की हालत पढाई कराने लायक न होने के बाद भी अपनी पढाई जारी रखना चाहते है | ऐसे में स्कूल के गुरु जी ने पड़ोस के एक मकान में भेड़ बकरियों के बीच ही बच्चो को पढ़ना शुरू कर दिया है | ऐसे में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से सरकारी स्कूल की शिक्षा व्यवस्था का मजाक बन कर रह गया है |
इस पूरे मामले पर जब मीडिया ने खण्ड शिक्षा अधिकारी मिथिलेश कुमार से सवाल किया तो वह अपनी जिम्मेदारी से किनारा करते हुए गाव के ही दबंग लोगो पर स्कूल में जलभराव का सारा आरोप लगते नज़र आये |
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