सतेन्द्र खरे
कौशांबी : मंझनपुर कस्बे के डायट मैदान परिसर में बने कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय परिसर एक शिक्षिका करीब एक दर्जन से अधिक बच्चों को लेकर शिकायत करने के लिए चली गई। बिना बताए बच्चों को विद्यालय से बाहर ले जाने के मामले को लेकर वार्डन ने डायट 100 को जानकारी देने के साथ ही कोतवाली पुलिस को भी तहरीर दी है। मामले की जानकारी के बाद बीएसए जांच के लिए विद्यालय पहुंचे। वहां उन्होंने बच्चों की समस्या के निराकरण को लेकर प्रयास शुरू कर दिया।
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय मंझनपुर में तैनात शिक्षिकाओं के बीच किसी ने किसी बात को लेकर अक्सर विवाद होता रहता है। शनिवार को यह विवाद सड़क पर उतर आया। यहां तैनात शिक्षिका जया सुबह करीब आठ बजे एक दर्जन छात्राओं को लेकर विद्यालय से बाहर चली गई। उन्होंने इसकी जानकारी किसी की नहीं दी। बेसिक शिक्षा अधिकारी आवास पहुंच गई। उन्होंने वार्डन पर छात्राओं को सुविधा न देने का आरोप लगाया। वहीं दूसरी ओर बिना बताए छात्राओं को बाहर लेकर जाने की जानकारी वार्डन मुदिता शुक्ला को हुई तो वह उन्होंने डायल 100 के साथ ही कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर शिक्षिका के द्वारा बच्चों को बिना बताए बाहर ले जाने की तहरीर दी। पुलिस ने उनकी तहरीर को लेकर कोई कदम नहीं उठाया। उनका कहना है कि बच्चों को बाहर ले जाना गंभीर मामला है। वह शिक्षिका पर कार्रवाई के लिए एसपी के पास भी जाएगी।
जांच के लिए पहुंचे अधिकारी
शिक्षिका व बच्चों की शिकायत पर बेसिक शिक्षा अधिकारी एमआर स्वामी जांच के लिए विद्यालय पहुंचे। उनका कहना है विद्यालय में बच्चों को सफाई के लिए कोई सामग्री नहीं मिल रही थी। इसके साथ ही विद्यालय परिसर में चारों ओर पानी भरा है। जिन कमरों में छात्राएं रहती है वहां पानी टपक रहा है। इस पर छात्राओं को दूसरे कमरे में शिफ्ट कर दिया गया है। जो भी जरूरी सामना है उसकी लिस्ट मांगी गई है। वह छात्राओं को उपलब्ध करा दी जाएगी।
अधिकारियों के दबाव में कस्तूरबा गांधी के कर्मचारी
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में तैनात सभी कर्मचारी संविदा में काम कर रहे। ऐसे में उनकी संविदा बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तैनात कर्मचारियों के दबाव में रहते हैं। माना जा रहा इसके कारण वहां विभागीय काम पूरी इमानदारी से नहीं हो पाता। जिसका खामियाजा बच्चों को भुगताना पड़ता है।
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