सतेन्द्र खरे
कौशांबी : जिला प्रशासन की सख्ती के बावजूद सरकारी भूमि के बंदरबांट का खेल का नहीं रुक रहा है। हाल ही में हुई चकबंदी से पूरामुफ्ती थाना क्षेत्र के भीटी गांव में करीब 24 बीघा सरकारी भूमि छूटी है। अब इस भूमि को पट्टे पर देने के लिए प्रधान और लेखपाल ग्रामीणों से वसूली कर रहे हैं। वहीं कुछ भूमि का अपात्रों के नाम पट्टा कर भी दिया है। इसलिए ग्रामीणों ने डीएम से इसकी शिकायत की है। कुछ महीने पहले पन्नोई ग्राम सभा के मजरा भीटी में चकबंदी हुई। चकबंदी हुई तो यहां पर 24 बीघा ग्राम सभा की भूमि निकली है। इस भूमि को पट्टे के जरिए पाने के लिए कई ग्रामीण सक्रिय हो गए हैं। आरोप है कि भूमि को पट्टे पर देने के लिए प्रधान और लेखपाल ने कई ग्रामीणों से मोटी वसूली भी कर ली है। अब लाखों रुपये की वसूली हो चुकी है और कइयों के नाम पट्टा भी हो चुका है। इस गांव में जो गरीब परिवार के लोग है, उनको पट्टा नहीं मिला तो उन्होंने विरोध शुरू कर दिया है। ग्रामीण राजू, महेश, अफसाना, अफरोज, अजय, कुरैशा बीबी, छोटे बाबू, फातिमा बेगम, कमरुन निशा, रईशा बेगम, नफीशा बीबी, अजरुन प्रसाद, तबस्सुम बेगम, सरोज देवी, रसीदा, रजिया खातून, रेखा देवी, प्रेम चंद्र, नूर जहां, नंदनी आदि ने कहा कि पट्टे की भूमि को प्रधान और लेखपाल बेच रहे हैं। इस भूमि को गरीबों को नहीं दी जा रही है।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ