खुर्शीद खान
सुल्तानपुर।एसडीएम कादीपुर के कोर्ट का वकीलों ने किया बहिष्कार ,बार एसोसिएशन कादीपुर के पूर्व अध्यक्ष विनोद श्रीवास्तव की पत्नी के नाम बैनामे की जमीन में बनी दीवार को उनके विपक्षी राममूर्ति यादव आदि पर गिराने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया है। इस प्रकरण में खातेदार शालिनी श्रीवास्तव ने शासन में शिकायत की थी । जिसपर एसडीएम से रिपोर्ट मांगी गई थी। उसमें एसडीएम ने लिख दिया था कि प्रार्थिनी ने खुद अपनी दीवार गिरा दी, इसलिए उनकी एफआईआर दर्ज नहीं कि गई। जबकि एफआईआर दर्ज थी। विवेचना हो रही है। इसी प्रकरण पर मंगलवार को जब सचिव अमित उपाध्याय विनोद श्रीवास्तव को साथ लेकर एसडीएम के चैम्बर में गए। वार्ता के दौरान एसडीएम अभद्र व्यवहार पर उतर आए। इस प्रकरण पर तहसील का माहौल एसडीएम के विरुद्ध गरमा गया। मंगलवार को हुई इस घटना पर गुरुवार को जब साधारण सभा की बैठक शुरू हुई तो अधिवक्ता विनोद श्रीवास्तव के पक्ष में एकजुट होकर एसडीएम ट्रांसफर तक बहिष्कार की मांग पर अड़ गए। जो भी इधर उधर घुमाने की कोशिश करता, उसे लोग दबोच देते थे। अध्यक्ष राजेश पांडेय ने विनोद श्रीवास्तव के मामले को सुलझाने के लिए एक समिति गठित करते हुए एसडीएम मोतीलाल सिंह के ट्रांसफर तक बहिष्कार करने का प्रस्ताव पारित कर दिया।अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि- 'एसडीएम कादीपुर ने व्यक्तिगत दुर्भावनावश पूर्व अध्यक्ष व उनके लड़के के खिलाफ विपक्षी से तहरीर दिलाकर गंभीर धाराओं में फर्जी मुकदमा भी दर्ज करा दिया है । उसकी समाप्त करने की पैरवी भी संघ की तरफ से होगी।'
पूर्व अध्यक्ष विनोद श्रीवास्तव ने कोतवाली कादीपुर में अपने विपक्षी के विरुद्ध असलहों से लैस लगभग एकदर्जन लोगों द्वारा मारपीट, गाली गलौच , जानसे मारने की धमकी की तहरीर बुधवार को ही दे दी थी । जिस पर कार्यवाही क्या हुई यह अभी तक पता नहीं चल सका है ।
विनोद जी पेशे से अधिवक्ता , सम्मानित पत्रकार , समाजसेवी और बैंक आफ बड़ौदा के विधिक सलाहकार हैं । पुलिस व प्रशासन द्वारा इनके विरुद्ध एकतरफा कार्यवाही क्यों की जा रही है यह बात समझ से परे है ..।
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