नवल किशोर पाण्डेय
गोंडा: परसपुर में खाकी का इक़बाल खत्म हो गया है यह बात दावे के साथ कही जा सकती है, क्योंकि यहां अपराधी मस्त हैं और पुलिस पस्त। पुलिस की निष्क्रियता के चलते ही अपराधियों के हौंसले बुलंद हैं। एक वक्त की बात है, जब पुलिस का नाम सुनते ही आम आदमी से लेकर अपराधी तक कांपने लगते थे। थानेदार की जीप आते ही सन्नाटा पसर जाता था। लेकिन, लगता है अब यह बीते दिनों की बात हो चुकी है। आम लोगों से लेकर पुलिस महकमे तक में यह चर्चा आम है कि अब पुलिस का खौफ पहले जैसा नहीं रहा। अब तो पुलिस की जानकारी के बाद भी पीड़ित असुरक्षित हैं। ऐसे में पुलिस विभाग की साख पर सवाल उठना लाजिमी है। आखिर क्यों पीड़ित को ही जान से मारने की धमकी दबंगो दुवारा दी जा रही है। कुछ लोगों का मानना है कि इसके पीछे राजनीतिक दबाव है, तो कुछ पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाते हैं।
ताजा मामला परसपुर थाना क्षेत्र के ग्राम लोहंगपुर, पूरे ठेकेदार पूर्वा का है जहाँ ओमप्रकाश मिश्रा से देव प्रकाश पाण्डेय रमवापुर निवासी ने अपनी पुत्री की विवाह के लिये ओमप्रकाश से रुपये की मदद मांगी वही ओमप्रकाश ने भी देव प्रकाश की लाचारी देखते हुए उनको हा कह दिया वही देव प्रकाश मिश्रा ने ओम प्रकाश पाण्डेय को बसर्ते तीन महीने के भीतर रुपये वापस करने को कहा तो देव प्रकाश पाण्डेय ने हा कह दिया। फिर ओम प्रकाश मिश्रा ने ग्यारह जुलाई 2016 को नगद पैंतीस हजार रुपये देव प्रकाश पाण्डेय को दे दिया जब तीन महीने से अधिक बीत गए तो ओम प्रकाश मिश्रा तगादा करने देव प्रकाश पाण्डेय के घर जाना शुरू किया तो देव प्रकाश ने कुछ दिनों में आपका पैसा लौटा दूँगा कह देते लेकिन जब दिन हप्ते में बीतने लगे, हप्ते महीने में बीत गए और महीने साल में बीत गए और पैसा वापस नही मिला तो ओम प्रकाश मिश्रा ने अपने आप को ठगा महसुस समझा। जब ओमप्रकाश दुवारा रुपए वापस करने का तगादा किया जाता तो देव प्रकाश के हिमतियो दुवारा उन्हें जान से मारने की धमकी दी जाती फिर क्या मजबूरन ओमप्रकाश को क्षेत्रिय थाना परसपुर की शरण मे जाना पड़ा लेकिन वहां भी उन्हें न्याय नही मिल रहा है लिखित शिकायत दिए उन्हें दिन हप्ते में बीत गए लेकिन पुलिस ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल रखा है वही पीड़ित ठगी के कारण दर-दर भटकने को मजबूर है और उसकी दर्द भरी सिसकिया सुनने वाला कोई योगी राज में कोई नही है |
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