अमेठी. रेप के मामले में जेल में बंद पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के साथ-साथ अब उनके घर वालों की भी मुशकिले बढ़ने लगी है। दरअस्ल गायत्री के बेटे अनिल प्रजापति पर एक बुजुर्ग महिला ने मारपीट, छेड़छाड़ व बलवा का आरोप लगाया था। इस मामले में FIR दर्ज हो गई है, जिसमें आवास-विकास के इंजीनियरों सहित 10-12 अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है।
2 अप्रैल 17 को अंजाम पाई थी घटना
आपको बता दें कि गायत्री के बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए एससी-एसटी कोर्ट ने गोसाईंगंज थाने आदेश दिया था।
पुलिस के अनुसार हरिहरपुर की रहने अनुसूचित जाति की पीड़िता मां के पास क्षेत्र के एक गांव में रहती है। दो अप्रैल 2017 को पीड़िता की वृद्ध मां अपनी जमीन पर निर्माण कार्य करा रही थीं।
उस वक्त स्कॉर्पियो व बोलेरो कार तथा बाइक से गायत्री प्रसाद प्रजापति का बेटा अनिल अपने साथ 10-12 साथियों के साथ वहां पहुंचा और गाली-गलौज व जान से मारने की धमकी देकर उसने निर्माण कार्य रोकने को कहा। मामला बढ़ने और भीड़ के जुटने पर अनिल और उसके साथ साथी भाग निकले थे।
आवास विकास के कर्मी भी घटना में थे शामिल
ठीक उसी दिन शाम क़रीब 5 बजे अनिल प्रजापति अपने साथ आवास विकास के अधिषासी अभियंता सुनील चौधरी, प्रमोद कुमार, सहायक अभियंता एके वर्मा, अवर अभियंता अभिषेक तिवारी, एसके विश्वकर्मा, संजय गुप्ता को लेकर आया। इन लोगों ने जेसीबी मशीन से दीवार गिरा दिया था। ये सभी पीड़िता की मां की निर्माणाधीन दीवार गिराने लगे तो उसने विरोध किया। जिस पर अनिल और आवास-विकास के इंजीनियरों ने उन्हें जातिसूचक शब्दों से संबोधित करते हुए गालियां दीं। दबंगों ने वहां से न हटने पर जेसीबी से दबाने की धमकी दी। निर्माण कार्य रोकने से इंकार करने पर इन लोगों ने मारपीट व पथराव किया।
वृद्धा के साथ छेड़छाड़, मारपीट और की थी लूट
उधर मारपीट में ईंट लगने से वृद्धा को काफी चोटें आईं थी। पीड़िता का आरोप है कि अनिल और आवास-विकास के इंजीनियरों ने उसकी वृद्ध मां से छेड़छाड़ भी किया था, जिससे उनका सोने का मंगलसूत्र टूटकर गिर गया जिसे अवर अभियंता एसके विश्वकर्मा उठाकर अपने पास रख लिया था। मारपीट व छेड़छाड़ पर वृद्धा ने चीख-पुकार मचाई तो उसकी बेटी सावित्री व दामाद सुभाष सहित गांव के तमाम लोग इक्ट्ठा हो गए थे।
भीड़ ने अनिल और उसके साथ आए लोगों को घेरना चाहा तो ये सभी भाग निकले। बाद में सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस को घटनास्थल पर दो बाइक मिली, जो अनिल के साथ आए बदमाशों की थीं।
सोमवार को कोर्ट ने दिया आदेश
वहीं स्थानीय पुलिस और एसएसपी के यहां सुनवाई न होने पर पीडिता ने सीजेएम की कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया था, जहां से उसे एससी-एसटी कोर्ट भेज दिया। सोमवार को एससी-एसटी कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया तो अब पुलिस ने सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
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