अमरजीत सिंह
फैजाबाद:भारत जैसे विशाल देश मे सरकारी तंत्र द्वारा राजनीति के चलते निष्पक्ष कार्यवाही की आशा करना मुमकिन तो नहीं है।लेकिन सभी प्रशासनिक अधिकारी एक ही नीति पर चलकर पक्षपात पूर्ण अथवा न्यायिक प्रक्रिया का इस्तेमाल नही करगें यह भी सम्भव नहीं है इसके लिए ग्रुप के एक दो सदस्यों द्वारा प्रश्न चिंह लगाना उचित हो सकता है पुलिस के मामलो मे इस दौरान निगेटिव सोचने वालों को कुछ माह पूर्व किये गये कार्यों से ग्रुप के माध्यम से बताना आवश्यक हो गया है बावजूद इसके सहमत न होने वाले मेम्बरान स्वेच्छा से ग्रुप छोड सकते हैं
रौहानी थाना एवं चौकी क्षेत्र की घटनाएं हैं।जिसे हम भूल गये हैं।इन घटनाओं से किसी भी पुलिस कर्मी को इमानदारी का प्रमाण पत्र देना नहीं है।केवल सच्चाई से अवगत कराना है।बाकी विवादित जन विवाद ही करेंगे ।विरोध की भाषा पढने वालों के लिये कुछ कहना ही बेकार है।
हरिदास पुरवा निवासी गंगा प्रसाद की मौत याद होगी।जिसमें मृतक की पत्नी ने मौत का कारण छत से गिरने से हुई बताया ।और पटीदारो के साथ गांव के कोई निवासी सहमत नहीं था।तो उसका विरोध करने की औकात भी किसी मे नहीं होने के कारण लाश के अंतिम संस्कार करने की तैयारी कर ली गई।जिसे तत्कालीन चौकी प्रभारी उपेंद्र प्रताप सिहं ने पहुचकर स्वविवेक का इस्तेमाल कर लाश कब्जे मे लेकर पोस्टमार्टम ही नहीं कराया .।मौत के जिम्मेदार मृतक की पत्नी और उसके प्रेमी सुल्तानपुर निवासी को जेल की राह दिखाई।पिरखौली ग्राम सभा मदरिया की युवती की विभत्स लाश शारदा सहायक नहर मे मिली।जिसमें कन्या पक्ष के पिता ने ससुराल वालों पर कम दहेज मिलने पर ससुराल के पति श्वसुर जेठ जिठानी पर हत्याकर लाश नहर मे फेकने की तहरीर पुलिस को दी।और आलाधिकारियो मे तत्कालीन थाना ध्यक्ष सी ओ ने आरोप पत्र के आधार पर नवजात शिशु को जन्म देने वाली जिठानी सहित सभी आरोपी को थाने लाई।लेकिन उपेंद्र सिह इससे सहमत नहीं थे । आलाधिकारियो के दबाव के बावजूद नौकरी की परवाह न करते हुए मुकदमा दर्ज न कर मुख्य एवं असली अपराधी को पकडकर जेल भेजने की कार्यवाही मे लगे रहे।और आखिरी चरण मे कामयाबी भी मिली।युवती केपूर्व प्रेमी ने ही हत्या की थी। प्रमाण के साथ जेल भेजने का काम किया। तीसरी घटना आलीगंज के जंगल की रही ।जिसमें हत्यारोपी की जानकारी तो थी ।लेकिन कहाहै किसी को नहीं मालूम होने के बाद भी अपराधी को पकडकर जेल भेजा
चौथी घटना थरेरू निवासी 12वीं की छात्रा की दिन दहाडे हत्या हुई।छात्रा की मां और भाई विवेक पांडेय ने हत्या का आरोपी अपने. पटीदार को बनाते हुए तहरीर दे दी जबकि हत्या मे मिले साक्ष्य कुछ और बयां कर रहे थे। साक्ष्य के अनुसार काम करते हुए जमानत अली अब्बास ने शिक्षक और छात्रा के प्रेमी अभय राज को पकडकर जेल की राह दिखाई विरूद्ध दी गई बदले की तहरीर पर बेगुनाह को जेल जाने से बचाया ऐसा नहीं है कि सभी अधिकारी राजनीतिक दल उनके कार्यकर्ता एवं शासन व्यवस्था एक जैसे इमानदार है या जो भी काम करेंगे ठीक और सही होगा।अथवा सभी काम ठीक किये हैं।करेंगे।।उसके लिए हम आप जैसे बैठे हुए हैं।जैसी कानून अथवा अन्य विभागों की कमियों हम परत दर परत खोल कर करने का काम करेंगे
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ