राकेश गिरी
बस्ती । पशु पालन और डेयरी उद्योग के द्वारा किसान अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकते हैं। मृदा स्वास्थ्य के रक्षा के साथ ही उन्नत तकनीक के द्वारा किसान सब्जी की खेती पर जोर दे जिससे उन्हें आर्थिक लाभ मिले। यह विचार मुख्य विकास अधिकारी अरविन्द कुमार पाण्डेय ने व्यक्त किया। वे सोमवार को नाबार्ड द्वारा दक्षिण दरवाजा के निकट आरसेटी परिसर में उद्यमिता विकास योजना कार्यशाला को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।
कहा कि किसानों को ऐसे योजनाओं से जोड़ने की जरूरत है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुधरे।
डीडीएम नावार्ड एम.शरण ने योजनाओं की जानकारी देते हुये कहा कि डीडीएस योजना वर्तमान निर्देशों के अनुसार 30 सितम्बर तक जारी है जिसमंे सामान्य वर्ग हेतु 25 और अनुसूचित जाति, जन जाति के लिये 33.33 प्रतिशत अनुदान का प्राविधान है। उन्होने बैंको का आवाहन किया कि वे कल्स्टर मोड मंें डेयरी क्षेत्र को विकसित करने के लिये सहयोग करें।
एल.डी.एम. बी.एस. मिश्र ने कहा कि जनपद के सीडी रेशियो को बढाने मंे डेयरी की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। डेयरी के साथ अन्य गतिविधियां बकरी पालन, वर्मो कम्पोस्ट आदि की शुरू किया जा सकता है। पूर्वान्चल बैंक खलीलाबाद के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रफुल्लित श्रीवास्तव ने कहा कि उनका बैंक प्रति ब्रान्च कम से कम एक डेयरी यूनिट को वित्त पोषित करेगा।
महाप्रबंधक पी.सी.डी.एफ. जी.सी. सिंह ने पशु स्वास्थ्य, दुग्ध समितियां, मिल्क चेन, मार्केटिंग पर विस्तार से जानकारी दी और बैंको को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
कार्यक्रम में बस्ती और खलीलाबाद के आरसेटी निदेशक, विभिन्न बैंको के अधिकारी, आत्मा के पीडी राम सुभग त्रिपाठी और किसान उपस्थित रहे।
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