अमरजीत सिंह
फैजाबाद: रौनाही थाना क्षेत्र लोधे का पुरवा के तालाब के पास मृत मिले सारस के हुई मौत ने संदिग्धता दर्शायी ।सारस का एक पैर प्लास्टिक की सूतली से बांधा हुआ।तथा एक दिन पहले गांव के आस पास जोड़े के साथ ग्रामीणों द्वारा देखा गया था।अचानक इस एक सारस की मौत ने क्षेत्र मे शिकारियो की संलिप्तता होने के आसार बढा दिये है। विगत पांच दिनो मे दो सारस तथा एक राष्ट्रीय पंक्षी मोर की हुई दर्द नाक मौत पर हालाँकि वन विभाग सधारण मौत करार देकर शिकारियो का बचाव करने के सारे हथकंडे अपनाने कोई कोर कसर नहीं छोड रहे है। ऐसे मे पंक्षियो की मौत के कारणों की जांच निष्पक्ष कर कार्यवाही करेगी आशंका बनी हुई है
मालूम हो कि इसी क्षेत्र के देवरा कोट निवासी डा.विजय कुमार सिह के घर मे बाहर से अपनी जान बचाने के लिये घूसा जिसे वन कर्मी एवं पशु चिकित्सक ने कई दिनों से चोटिल होने का कारण बताते उस दिन स्वस्थ करार दे दिया जिसकी उसी रात को ही मौत हो गई।यह मामला अभी उलझा हीथा.कि बर ई कला गांव के खेत मे नशे मे बेहोशी की हालत मे मोर पाया गया।सूचना पर पहुचे वनकर्मी ने अपने साथ लेजाने के लिये बोरी और पकडने के लिये एक और आदमी लाने की बात कहकर चले गये।और वापस आने पर उक्त बेहोश मोर नहीं मिला।जिससे कर्मी के हाथपांव फूल गये ।लगभग दो घंटे तक आसपास के खेतों जंगल झाडियों मे तालाश करने के बाद वन विभाग ने मृत मोर मिलने का दावा किया।मोर कैसे मरा कहां मिला वहाँ तक कैसे पहुँचा।एक रहस्य वना हुआ है ।आज सुबह लोधे का पुरवा के सामने रात दिन रात दिन राहगीरों के आवागमन के बाद भी मृत मिले सारस ने एक पहेली बना दी ।जिसकी सूचना के बाद भी 3घंटे की देरी से कर्मियों के पहुचने तथा एक पैर मे रस्सी बधी होने से पंक्षियो पर हो रहे कातिलाना हमले का रहस्य गहरा दिया है।आशंका है कि किसी दवा के खिलाने के बाद सूतली बाधकर ले जाने का प्रयास किया गया होगा।किसी स्थानीय ग्रामीण राहगीर के आ जाने से शिकारी छोडकर भाग गये।और इस दौरान नशीली दवा का असर पडने के कारण मौत हो गई होगी।
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