अखिलेश तिवारी
सरकारी राहत कार्य नाकाफी राहत सामग्री लेकर समाजसेवी आए आगे
बलरामपुर । जिले में गत 4 दिनों से बाढ़ का प्रभाव भयंकर प्रकोप जारी है । बाढ़ के तांडव से मनुष्य के साथ-साथ जानवर भी परेशान हो गए हैं । सभी को सहयोग की जरूरत पड़ रही है । सरकारी सारे दावे खोखले साबित हो गए हैं । जिला प्रशासन द्वारा दी जा रही राहत सामग्री नाकाफी है । बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए कई समाज सेवी आगे आए हैं जिन्होंने बाढ़ पीड़ितों के खाने पीने के लिए राहत सामग्री वाले पैकेट उपलब्ध कराया है । तराई इन्वायरमेंट समित के सचिव अजय कुमार मिश्र ने राहत सामग्री जिला प्रशासन को उपलब्ध कराया तो वही समाजसेवी साबन अली ने बाढ़ पीड़ित गांव में जाकर लंच पैकेट पानी के पैकेट और बिस्कुट के पैकेट वितरित किए । इसके अलावा सदर विधायक पलटू राम सांसद श्रावस्ती ददन मिश्र विधायक तुलसीपुर कैलाश नाथ शुक्ला लगातार बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों का दौरा करके बचाव एवं राहत कार्य का जायजा ले रहे हैं तथा खाने पीने की सामग्री का वितरण भी कर रहे हैं ।
समाजसेवियों ने बांटे लंच पैकेट में राहत सामग्री
जनपद बलरामपुर में बाढ़ की इस भयावह मंजर को देखते हुए बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए तराई इनवर्मेंट अवेर्नेस समिति के सचिव अजय कुमार मिश्र ने जिलासभागार में जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र एवं अपर जिलाधिकारी शिवपूजन को राहत सामग्री प्रदान की जिसमें बिल्कुट, नमक, माचिस, मोमबत्ती, लाई, भुना हुआ चना शामिल है । संस्था के इस कार्य से प्रभावित होकर जिलाधिकारी अपर जिलाधिकारी तथा ARTO ने अपने व्यक्तिगत खर्चे से 1-1 क्विंटल लाई एवं भुने हुए चने को कलेक्ट्रेट के बाबूराम पाण्डेय से तत्काल क्रय करके पीड़ित लोगों के बीच वितरण कराने का आदेश जारी किया जिससे प्रभावित लोगों को राहत मिल सके।
समाजसेवी साबान अली ने अपने सहयोगियों के साथ एनडीआरएफ वाह psc के मदद से 1000 लंच पैकेट 1000 पानी के पाउच वह बिस्किट के पैकेट लेकर बाढ़ पीड़ित गांव में गए तथा लंच पैकेट बिस्किट पैकेट वह पानी के पाउच जरूरतमंद लोगों को उपलब्ध कराया ।
सदर विधायक ने बांटी राहत सामग्री वह लंच पैकेट
जनपद बलरामपुर में बाढ़ की इस भयानक कहर को देखते हुए सदर विधायक पल्टूराम के साथ महामंत्री अजय सिंह उर्फ 'पिंकू', पूर्व जिलाध्यक्ष चन्द्रप्रकाश सिंह उर्फ गुड़डू , सहयोग शिक्षक शिवराम गुप्ता, महेश कुमार शुक्ला, आकाश पांडेय, पवन कुमार शुक्ला सहित कई भा.ज.पा. कार्यकर्ताओं ने बाढ़ प्रभावित गाँवों में जाकर लोगों से मिलकर हालात की जानकारी ली तथा उपस्थित जनता को यथासंभव हर मदद के लिए हमेशा तत्पर रहने के लिए लोगों को आश्वासन भी दिया। पीड़ितों को लेंच पैकेट दिया गया जिसमें (पूड़ी-सब्जी)तथा जिन लोगों के मकान बाढ़ से ढ़ह गये हैं उनको तिरपाल भी बांटा गया जिसमें घूघुलपुर, कल्लाभट्ठा, उदयरापुरवा, हसुवाडोल, गोपियापुर, नरायनपुर, कलंदरपुर व हरबंशडीह सहित कई बाढ़ प्रभावित गाँवों में पहुंचकर लोगों की मदद की गई।
हजारों लोग गांव में फंसे, नहीं मिल पा रही खाने पीने की चीजे
राप्ती नदी के बढ़ते जलस्तर और बार-बार नेपाल द्वारा छोड़े जा रहे पानी के कारण जिले के हालात और बिगड़ते जा रहे हैं । लगभग 350 गांव पानी से डूबे हुए हैं। वहां के लोग छतों पर या फिर सड़कों पर आ कर के गुजर बसर कर रहे हैं । हालात यह हैं की 3 दिनों से लोग भूखे हैं उन्हें खाने पीने की कोई भी सामग्री नहीं मिल पा रही है । संचार सेवाएं भी ध्वस्त हो गई हैं ऐसे में संपर्क भी नहीं हो पा रहा है ।
जानकारी के अनुसार जिले में बाढ़ आने के पूर्व जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र द्वारा बताया गया था कि बाढ़ से बचाव के लिए सभी तैयारियां मुकम्मल कर ली गई है । परंतु बाढ़ आने के बाद सारी तैयारियां धरी की धरी रह गई और चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है । जिला प्रशासन द्वारा बुलाये गए एनडीआरएफ वह पीएससी की टीम के पास जो संसाधन उपलब्ध हैं वह नाकाफी साबित हो रहे है । एनडीआरएफ व पीएससी के पास उपलब्ध मोटर बोट इतने पावर की नहीं है जो राप्ती नदी को पार कर दूसरी तरफ के गांव में जाकर रेस्क्यू ऑपरेशन चला सके । इसी कारण से राप्ती नदी के इस पार तो रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार चल रहा है । लेकिन राप्ती नदी के उस पार सैकड़ों गांव ऐसे हैं जहाँ पर अभी तक कोई रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं चलाया गया है । वहां के लोग किस स्थिति में है और क्या खा पी रहे हैं इसकी कोई जानकारी नहीं है । 4 दिनों से आई बाढ़ की विभीषिका के बाद सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि ऐसे सैकड़ों गांव के हजारों लोग के पास खाने-पीने तथा मवेशियों को खिलाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं होगी । जिला प्रशासन या फिर अन्य किसी भी तरफ से उन्हें कोई भी राहत नहीं उपलब्ध कराई जा सकी है । इन्हीं समस्याओं को लेकर सदर विधायक पलटू राम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर तुरंत जिले में सेना की मदद उपलब्ध कराने की मांग की है । अब देखना होगा कि कब तक इन जरूरतमंदों को मदद उपलब्ध कराई जा सकती है । उधर राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से लगभग 90 सेंटीमीटर ऊपर जाकर स्थिर हो गया है राप्ती का ताजा जलस्तर 105.480 है । राप्ती का जलस्तर स्थिर होने से संभावना व्यक्त की जा रही है कि यदि नेपाल से पुनः पानी न छोड़ा गया तो जल स्तर में गिरावट आएगी और धीरे-धीरे बाढ़ की समस्या से निजात मिलेगा ।
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