खुर्शीद खान
सुल्तानपुर. हदिसुंनिसा 45 को प्लेटलेट्स के लिए ब्लड की ज़रूरत थी, 12 घंटों तक परिजन डाक्टरों के आगे गिड़गिड़ाते रहे। लेकिन पत्थर दिल
डाक्टर और हास्पिटल प्रशासकों ने एक न सुनी, न टेस्ट हुआ और न
ब्लड मिला। आखिर में महिला ने दम तोड़ दिया। अब अधिकारी जांच कर कार्यवाई की बात
कर रहे हैं।
निजी नर्सिंग होम की टेस्ट रिपोर्ट में प्लेटलेट्स थी डाउन
जानकारी के अनुसार कादीपुर कोतवाल के
कस्बा निवासी कमरुद्दीन की पत्नी हदिसुंनिसा 45 की मंगलवार दोपहर एकाएक स्वास्थ्य बिगड़ गया। परिजन आनन-फानन में
उसे लेकर शाहगंज के एक निजी हास्पिटल में पहुंचे। जहां डाक्टर ने महिला का ब्लड
चेकअप कराया तो उसका प्लेटलेट्स डाउन था। डाक्टर ने परिजनों को तत्काल ब्लड अरेंज
करने के लिए कहा। तब परिजन उसे लेकर डिस्ट्रिक्ट हास्पिटल सुल्तानपुर आ गए।
देर शाम कराया था एडमिट
मंगलवार देर शाम डिस्ट्रिक्ट हास्पिटल
के इमरजेंसी रूम में परिजनों ने हदिसुंनिसा को एडमिट कराया। यहां फिजिशियन डा.
एस.के. सेंगर ने निजी हास्पिटल की रिपोर्ट को मानने से इंकार कर दिया और नए सिरे
से हास्पिटल में टेस्ट का पर्चा लिख दिया।
मुंह चिढ़ाता 24 घंटे इमरजेंसी सेवा
का बोर्ड
शाम से लेकर सुबह हो गई, पेशेंट के सीरियस होने के बावजूद भी उसका ब्लड टेस्ट नहीं हो सका।
वजह ये थी के हास्पिटल की दीवारों पर शो में तो ये लिखा हुआ है कि पैथालाजी सेवा 24 घंटे उपलब्ध है, जबकि ऐसा है नहीं।
पैथालाजी बंद होने के चलते टेस्ट नहीं हो सका। इस बीच तड़के 3 बजे के आसपास हदिसुंनिसा की तबियत बिगड़ गई।
तड़पती रही महिला, आराम फ़रमाते रहे
ईएमओ
पति कमरुद्दीन और भतीजे अब्दुल हक़ का
आरोप है कि वार्ड बाय से लेकर फार्मेसिस्ट वी.के. बरनवाल से कई बार बताया गया कि
पेशेंट सीरियस है डाक्टर को इन्फार्म कर दें, लेकिन इमरजेंसी
ड्यूटी कर रहे डा. पी.एन.यादव स्टाफ रूम में आराम फ़रमाते रहे। उधर हदिसुंनिसा
दर्द से चीख रही थी।
सीएमओ बोले सीएमएस से करें शिकायत
सुबह होते भतीजे अब्दुल हक़ ने एक
लाइन से सीएमएस, सीएमओ और सीडीओ से इलाज में बरती जा रही लापरवाही की गुहार लगाई।
जहां सीएमएस डा. योगेंद्र यती ने तो फोन उठाना ही मुनासिब नहीं समझा जबकि सीएमओ ने
सीएमएस से शिकायत की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया।
गर्दन फंसती देख किया लखनऊ रिफर
इस बीच सुबह क़रीब 8:30 फिजिशियन डा. एस.के.सेंगर इमरजेंसी रूम में पहुंचे, खुद अपनी और हास्पिटल प्रशासकों की गर्दन फंसती देख उन्होंने महिला
को लखनऊ मेडिकल कालेज रिफर कर दिया। लेकिन ट्रीटमेंट में घोर लापरवाही के चलते डा.
के हटते ही महिला ने दम तोड़ दिया। अब परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
सीडीओ बोले संवेदनशील है मामला
फिलहाल इस मामले पर सीडीओ रामयज्ञ
मिश्रा से जब बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है। मामला
काफी संवेदनशील और लापरवाही बरतने का है। लेकिन आज हम किसान दिवस में ड्यूटी पर है, समय मिलते ही जांच कर कार्यवाई की जाएगी।
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