उत्तर प्रदेश के वाराणसी में विकास प्राधिकरण के निशानदेही पर अतिक्रमण हटाने गई पुलिस को किसानो के गुस्से का सामना करना पड़ा। पुलिस टीम पर किसानों ने हल्ला बोलते हुए पथराव कर दिया जिससे पुलिस को जान बचाकर उल्टे पांव भागना पड़ा।
क्या है पूरा मामला?
मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार दोपहर को विकास प्राधिकरण और प्रशासन की टीम ट्रांसपोर्ट नगर रोहनिया में निशानदेही करने गई थी। सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को लेकर विकास प्राधिकरण टीम से किसान भिड़ गए। जिससे पुलिस ने किसानों को हटाने के लिए बल का प्रयोग किया । जिससे किसानों का गुस्सा फूट पड़ा । किसानों ने पुलिस टीम पर पथराव शुरू कर दिया।
दर्जन भर घायल
इस घटना में दो महिलाओं सहित ग्यारह किसान घायल हो गया,वही घटना में उपनिरीक्षक कुलदीप कुमार भी चोटहिल हो गए।
छः थानों की फोर्स जुटी
किसानों और पुलिस से हुए बवाल की सूचना कंट्रोल को मिलते ही आधा दर्जन थाने की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई। जिसके बाद किसानों को मौके से खदेड़ा गया।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया ट्वीट
वाराणसी में हुए घटना का वीडियो पोस्ट करते हुए सपा मुखिया ने लिखा है कि "चुनाव ख़त्म होते ही वाराणसी के मोहनसराय की कृषियोग्य भूमि को ग़ैरक़ानूनी तरीके से ट्रांसपोर्ट नगर व आवासीय योजना के नाम पर किसानों से हड़प कर भू-माफ़ियाओं को देने का भाजपाई नाटक शुरू हो गया है, अब गरीबों के ऊपर बुलडोज़र भी चलेगा और उन्हें घर-खेत से भाजपा सरकार बेदख़ल भी करेगी।"
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