Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

निघासन:मुंसिफ कोर्ट का सपना हुआ साकार,हाईकोर्ट मुख्य न्यायधीश ने किया वर्चुअल लोकार्पण



सतीश गुप्ता 

निघासन खीरी:अरसों बाद निघासन वासियों का सपना साकार हुआ है।शनिवार को निघासन पहुँचे प्रशासनिक न्यायमूर्ति अजित कुमार जिला मुख्य न्यायधीश मुकेश मिश्र ने मुंसिफ कोर्ट का लोकार्पण किया।


वहीं हाइकोर्ट के मुख्य न्यायधीश राजेश बिंदल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से वर्चुअल लोकार्पण किया।लोकार्पण कार्यक्रम में इलाहाबाद से निघासन पहुँचे प्रशानिक न्यायधीश अजित कुमार जिला मुख्य न्यायधीश मुकेश मिश्र को पुलिस ने गॉर्ड ऑफ ऑनर देकर सलामी दी वहीं कोर्ट परिसर में प्रशानिक न्यायधीश ने वृक्षारोपण भी किया।



गौरतलब है कि करीब चार दशक पहले निघासन इलाके के लोगों की सुविधा के लिए देखा गया सपना शनिवार को साकार हो गया सन 1986 में मुंसिफ कोर्ट के लिए झंडी रोड पर आरक्षित जमीन पर न्याय के लिए क्षेत्रीय लोगों का पदार्पण होगा।



इस दौरान लोकेश राय पीठासीन एमएसीपी, परिवार न्यायालय रेखा अग्निहोत्री,प्रथम एडीजे सुनील वर्मा,सीजीएम चिंताराम,सहित अन्य न्यायिक अधिकारी, अधिवक्तागण, सहित पुलिस क्षेत्राधिकारी संजय नाथ तिवारी, प्रभारी निरीक्षक चंद्रभान यादव, पुलिस फोर्स के साथ मौजूद रहे।




काफी अटकलों के बाद साकार हुआ सपना

राजनीति का एक अहम पहलू बन चुका मुंशीफ कोर्ट आखिरकार शनिवार के बाद शुरू हो गया है।अब निघासन वासियों को मामलों की सुनवाई के लिए काफी हद तक सहूलियत मिलेगी।


सन 1986 में मुंसिफ कोर्ट के लिए आरक्षित जमीन पर शनिवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश बिंदल इस पर बनी कोर्ट का वर्चुअल उद्घाटन करके निघासन के लोगों को तोहफा दिया है।


वर्ष 1986 में ग्राम समाज ने मुंसिफ कोर्ट बनाने के लिए अपनी साढ़े तीन एकड़ जमीन दी थी। इस पर हाईकोर्ट की मंजूरी के बाद वर्ष 2012 में मुंसिफ कोर्ट बनना शुरू हुआ था जो 2017 में बनकर पूरा हो गया था।


लेकिन शुरू होने के इतंजार में पांच वर्ष बीत गए।निघासन के लोगों की मुख्य मांग में मुंसिफ कोर्ट शुरू कराने की बात रखी जाती रही।चुनाव के वक्त मुंसिफ कोर्ट शुरू कराने को लेकर नेता दावा करते रहे। हालांकि वकीलों और क्षेत्र के लोगों की कवायद के बावजूद इसमें कामकाज चालू नहीं हो सका था। 


सपा ने पूर्व में विधायक रहे अजय मिश्र टेनी की मांग पर लगाई थी मुहर

सपा जब सत्ता में थी तभी मुंसिफ कोर्ट बनवाने की मांग क्षेत्रीय लोगों की तरफ से होने लगी।वर्ष 2013 में अजय मिश्र टेनी ने क्षेत्रीय जनता की आवाज को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सामने रखी।


तभी सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इसको वित्तीय वर्ष 2013-14 में शुरू कराने की योजना बताई। जून 2016 में मुंसिफ कोर्ट के लिए बनी इमारत का तत्कालीन जिला जज राजवीर सिंह समेत चार जजों की टीम ने इसका जायजा लेने आई। तब फिर इसके चालू होने के कयास बढ़ गए।


 वर्ष 2020 में तहसील वकील संघ पदाधिकारियों के मिलने पर तत्कालीन विधि एवं न्याय मंत्री बृजेश पाठक ने प्रमुख सचिव न्याय को प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद स्थानीय वकीलों ने कवायद जारी रखी। आखिरकार इसके शुरू होने की नौबत आ ही गई।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 




Below Post Ad

5/vgrid/खबरे