वेदव्यास त्रिपाठी
प्रतापगढ़ महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के अधीन संचालित चाइल्डलाइन-1098 एवं तरुण चेतना के तत्वाधान में मिशन शक्ति के अंतर्गत रूबी बेगम बालिका इण्टर कॉलेज चिलबिला में “अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस” के अवसर पर बालिका सुरक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बालिकाओं ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर तरुण चेतना के निदेशक नसीम अंसारी ने अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 19 दिसंबर, 2011 को लड़कियों के अधिकारों और दुनिया भर में लड़कियों के सामने आने वाली चुनौतियों को पहचानने के लिए 11 अक्टूबर को बालिका के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने का संकल्प लिया.
इसके लिए हम सभी जिम्मेदारी बनती है कि बेटियों को आगे बढ़ने और पढ़ने का अवसर दें क्योंकि बेटा केवल एक ही कुल को रोशन करता है। लेकिन बेटियां दो-दो कुल को रोशन करती हैं।
इस अवसर पर चाइल्डलाइन के सदस्य हकीम अंसारी ने कहा कि बेटियों को रहम नहीं अधिकार चाहिए बेटी को सम्मान चाहिए क्योंकि बेटी भी हमारे देश की शान हैं।
अगर बेटी नहीं तो समाज की परिकल्पना करना संभव नहीं है। बेटा-बेटी दोनों एक डाल के दोनों फूल है फिर क्यों बेटी शिक्षा से दूर हैं।
इस अवसर पर “बेटियां पराई क्यूँ है?” विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. प्रतियोगिता में प्रथम स्थान- इल्मा बानो, दूसरा स्थान- सुहानी गुप्ता, तीसरा स्थान-साक्षी पाण्डेय को प्रमाण-पत्र व प्रतीक चिन्ह देकर पुरस्कृत किया गया।
अंत में प्रधानाचार्य श्रीराम पाण्डेय ने बेटियों का उत्साहवर्धन करते हुए चाइल्डलाइन के प्रति आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर मेहताब खान सहित अध्यापक उमेशचंद्र पांडेय, कंचन मौर्या, मोमिना बानो, एवं अंजू यादव, सीता गुप्ता, साक्षी चाइल्डलाइन से बीनम विश्वकर्मा आदि ने अपना विचार व्यक्त किया।
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