राजकुमार शर्मा
बहराइच। जनपद में निराश्रित गोवंशों को संरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से संचालित गोआश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के उद्देश्य से पशुपालन विभाग द्वारा देवीपाटन मण्डल के लिए नामित किये गये नोडल अधिकारी अपर निदेशक पशुपालन कानपुर मण्डल डॉ. आर.एन. सिंह द्वारा शनिवार को गोआश्रय स्थलों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के उपरान्त कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न हुई।
बैठक के दौरान नोडल अधिकारी अपर निदेशक डॉ. सिंह ने कहा कि शासन की मंशा है कि 31 दिसम्बर 2022 तक कोई निराश्रित गोवंश सड़कों पर दिखाई न दे।
इसके लिए शासन द्वारा प्रत्येक विकास में 02 से 03 हज़ार गोवंश संरक्षित करने की कार्ययोजना तैयार किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
इसके साथ ही गो आश्रय स्थलों से सम्बन्धित कामर्शियल एक्टिविटी के लिए भी जिलों में 35 एकड़ भूमि के चिन्हांकन की कार्यवाही की जायेगी।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सहभागिता योजना को बढ़ावा देने के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जाय तथा भरण पोषण की धनराशि का लाभार्थियों को समय से भुगतान भी किया जाय।
नोडल अधिकारी ने जनपद में संचालित गोआश्रय स्थलों की अच्छी व्यवस्था पर संतोष व्यक्त किया।
जिलाधिकारी डॉ. चन्द्र ने अपर निदेशक को बताया कि जनपद के गोआश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंशों के लिए हरे चारे की व्यवस्था हेतु नेपियर घास बोआई का अभियान संचालित किया जा रहा है।
डीएम ने बताया कि गोआश्रय स्थलों के आस पास उपलब्ध भू-भाग पर नेपियर घास की बोआई की गई है तथा चालू वर्ष में 100 हेक्टेयर विस्तार का लक्ष्य रखा गया है।
डीएम डॉ. चन्द्र ने बताया कि ब्लाक कैसरगंज के ग्राम कसेहरी बुजुर्ग में लगभग 40 बीघे में बोई गई नेपियर घास को मॉडल के रूप में विकसित किये जाने के भी निर्देश दिए गये हैं।
डीएम ने कहा कि जिले में संचालित गोआश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंशों के लिए शासन द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार बेहतर से बेहतर व्यवस्थाएं की गई हैं।
इस सम्बन्ध में सभी सम्बन्धित विभागों एवं अधिकारियों तथा चिकित्सकों को पूर्व से ही निर्देश जारी किये गये हैं कि संरक्षित गोवंशों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न होने पाये।
बैठक के दौरान जिले में नेपियर घास बोआई अभियान से सम्बन्धित पीपीटी का भी प्रदर्शन किया गया।
इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी महेंद्र कुमार पाण्डेय, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. राजेन्द्र कुमार वर्मा, खण्ड विकास अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी व अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।
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