रजनीश / ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। घाघरा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से करीब 10 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है। जलस्तर बढ़ने के साथ ही डिस्चार्ज भी बढ़ा है।
ग्रामीण अपना आशियाना सुरक्षित स्थानों की ओर लेकर गांव से निकलने लगे हैं।
घाघरा नदी का पानी एक बार फिर लाल निशान के काफी ऊपर पहुंच गया है। जहां नदी का जलस्तर शनिवार को पांच सेमी ऊपर था, वहीं रविवार को 10 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया।
तेजी से बढ़ता पानी देख तराई इलाके में हड़कंप मच गया है। घाघरा नदी का पानी खतरे के निशान 106.076 से ऊपर 106.176 पर बह रहा है। जिस तरह से नदी का पानी बढ़ रहा है इसको देख लोगों का कहना है कि नदी ने एकबार फिर से तेवर तीखे कर दिए हैं।
नदी का पानी इससे पहले भी खतरे का निशान पार कर चुका है। तब खतरे का निशान पार करने के बाद पानी स्थिर हो गया था। मगर इस बार पानी स्थिर नहीं हुआ बल्कि बढ़ता ही जा रहा है।
जिससे यहां के ग्रामीणों में दहशत है। यदि कहीं नेपाल से और पानी छोड़ दिया जाता है तो फिर नदी अपना विकराल रुप दिखाना शुरू कर देगी और नेपाल का ये पानी तराई में तबाही मचा सकता है।
रविवार को घाघरा नदी में 3 लाख 17 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जिसमें गिरीजा बैराज से एक लाख 55 हजार 103 क्यूसेक, शारदा बैराज से 1 लाख 60 हजार 996 क्यूसेक व सरयू बैराज से 1236 क्यूसेक डिस्चार्ज हुआ है।
बाढ़ खंड के अवर अभियंता रवि वर्मा का कहना है कि जलस्तर बढ़ने से बांध को कहीं भी कोई खतरा नही है। एल्गिन-चरसड़ी बांध को लेकर जो खतरा बना हुआ था वह इस समय कम हो गया है।
जब नदी का पानी बढ़ता है तो कटान नहीं होती है। मगर जलस्तर घटते समय स्थितियां विपरीत हो सकती हैं। कटान का खतरा बढ़ गया है।
वहीं नदी के जलस्तर को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है।
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