गोष्ठी को संबोधित करते हुए हिमांशु मालवीय ने कहा देश के उत्थान में दोनों महापुरुष का अहम योगदान रहा है एक शिक्षा के क्षेत्र में बनारस हिन्दू विश्विद्यालय की स्थापना करके विश्व में भारत को एक नई पहचान मिली।
आज बीएचयू से पढ़े छात्र देश विदेश के कई क्षेत्रों/विभागों में अपनी सेवायें दे रहे है इसके लिए मालवीय जी की जितनी भी प्रशंसा की जाय वो कम होगी।
महामना की उपाधि महात्मा गांधी जी द्वारा मालवीय जी को दी गयी।
पण्डित जी ने बीएचयू में दाखिले हेतु मालवीय परिवार के लिए किसी भी तरह सिफारिश का प्रावधान नहीं किया।
इसी प्रकार अटल जी जिन्हें विपक्ष के नेता भी अपना आदर्श मानते है उनका सम्मान करते थे उनकी शख्शियत ही कुछ ऐसी थी।
इस मौके पर बनारस गंगा आरती के संयोजक विकास भी उपस्थित रहे और अपने विचार व्यक्त किये।
इसी कड़ी में सुल्तानपुर के प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित कृष्णकांत मालवीय व नागेश्वर धाम के पुजारी पंडित अमित कुमार शुक्ला दोनों महापुरुषों के जीवन पर प्रकाश डाला|
कार्यक्रम में आए हुए आगंतुकों में गणेश दत्त मालवीय लाल जी मालवीय प्रभात मालवीय शोभित मालवीय अनुपम मालवीय हेमंत मालवीय गौरांग मालवीय विनय मालवीय दोनों महापुरुषों का अनुराग गुप्ता चंद्र प्रकाश पाठक विष्णु मिश्रा आकाश भारद्वाज राजू श्रीवास्तव अग्रिमा मालवीय आदि समाज के लोगों ने उत्साहित होकर दोनों महापुरुषों की जयंती मनाई|
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