सुनील उपाध्याय
बस्ती। राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत पोषण रैली व प्रभात फेरी मंगलवार को मदरसा अरबिया गौसिया निस्वां, पठान टोला, पुरानी बस्ती में आयोजन किया गया।
प्रधानमंत्री के सुपोषित भारत (कुपोषण मुक्त भारत) के दृष्टिकोण को सामने रखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से एक से 30 सितंबर तक चौथा राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जा रहा है। अभियान के तहत सामुदायिक भागीदारी पर विशेष फोकस रखा जाएगा । ताकि हर नागरिक पौष्टिक आहार के महत्व को समझें। डीपीओ सावित्री देवी ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय पोषण माह 2021 के तहत चार सप्ताह चार अलग-अलग थीम के तहत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। श्रीमती सावित्री देवी ने बताया कि आहार में विविधता और पौष्टिकता को बढ़ाने के लिए बाजरा, दालें, बारहमासी और मौसमी स्थानीय सब्जियों, फलों आदि के उपयोग करने के बारे में नागरिकों को जागरूक किया। इन गतिविधियों को उत्साहपूर्वक आयोजित करने और राष्ट्रीय पोषण में बड़ी सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए महिला एवं बाल विकास के साथ-साथ अन्य विभाग भी इस कार्यक्रम के सहयोगी रहें।
उन्होंने बताया कि इस अभियान में बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए भोजन के सही तरीके से पकाने व खाने के बारे में जानकारी दी जाएगी। कुपोषण के खिलाफ अभियान में सभी की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी तथा कोविड-19 के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए इन गतिविधियों को चलाया गया। वही डॉ पूजा पाल जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने कहा कि इस अभियान में सभी लोगो को खाने में विशेष ध्यान रखना चाहिए और खाने के लिए सही चीज का चुनाव करना बहुत ही जरूरी है। वही प्रभावी रूप से चलाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी सावित्री देवी ने इस सन्दर्भ में संबंधित अधिकारियों आवश्यक दिशा निर्देश व रूपरेखा तैयार कर कार्यक्रम किया जा रहा है। और बताया कि अभियान के तहत कई आंगनबाड़ी केन्द्रों, विद्यालयों, पंचायतों एवं अन्य सार्वजनिक भूमि आदि में उपलब्ध स्थानों पर पोषण वाटिका के रूप में पौधारोपण भी कराया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर गर्भवती महिलाओं, बच्चों और किशोरियों जैसे विभिन्न समूहों के लिए आयुष और योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अभियान में आईसी सामग्री के साथ आंगनवाड़ी लाभार्थियों को पोषण किट वितरित की गयी। इसी प्रकार एसएएम की पहचान और उनके लिए पौष्टिक भोजन के वितरण के लिए अभियान चलाया जाएगा। उसी दौरान एसएम बच्चों की पहचान करने से पहले आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा और एएनएम द्वारा बच्चों (पांच वर्ष तक की आयु तक) के लिए लंबाई/ऊंचाई और वजन मापन अभियान के लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जा रहा है।
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