जांच ना कराने तथा तथ्य को छिपाने पर होगी कड़ी कार्रवाई
अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर ।। कोरोना वायरस के सक्रमंण की विभीषिका रोकने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री के आवाहन पर पूरे देश 21 दिनों के लिए 14 अप्रैल तक के लिए लाॅक डाउन किया गया है। इस संक्रमण से बचाव हेतु संक्रमित व्यक्ति का चिन्हीकरण एवं उसका नियमानुसार चिकित्सीय प्रशिक्षण एवं उपचार आवश्यक है। इसमें थोड़ी सी चूक होने पर इसका सक्रंमण अत्यन्त तीव्र गति से होता है। सक्रमित व्यक्ति से कोरोना वायरस परिवार, समाज एवं कार्य स्थल पर साथ-साथ काम करने वाले व्यक्तियों में अत्यन्त तीव्रता से फैलता है, फलस्वरूप यह भी गम्भीर रूप से बीमार पड़ सकते है। बीमारी से मृत्यु तक होने की सम्भावना बनी रहती है।
जिला मजिस्ट्रेट बलरामपुर कृष्णा करुणेश ने जनपद वासियों से अपील करते हुए कहा है, कि कोरोना वायरस से सक्रंमित व्यक्ति या वह सभी व्यक्ति जो संक्रमण क्षेत्र या संक्रमित व्यक्तियों के सम्पर्क में आये है अथवा जो निजामुद्दीन दिल्ली तबलीकी जमात सम्मेलन में शामिल हुए हो या होने वालों के सम्पर्क में आये हो व जिनको किसी भी प्रकार से सक्रंमण होने की सम्भावना हो, वह स्वेच्छा से बिना देरी अथवा लापरवाही किये 24 घण्टे के अन्दर अपनी चिकित्सीय जांच हेतु जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के समक्ष स्वयं प्रस्तुत हो। ऐसा न करना महामारी अधिनियम 1897 की धारा (2), (3), (4) एवं उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 विनियमावली 2020 के प्राविधानों का उल्लघंन है तथा ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध उक्त अधिनियम एवं एवं विनियमावली के संगत प्राविधानों के अन्तर्गत कठोर कार्यवाही की जाएगी।
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