दुर्गा सिंह पटेल
गोंडा:नवोदित साहित्य संस्थान भोपतपुर के तत्वावधान में मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन रॉयलसन इण्टर कालेज भोपतपुर किया गया। जिसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त गुरु वासुदेव त्रिपाठी ने किया, संचालन डा वी एन शर्मा ने किया तथा सरस्वती वन्दना जोखूराम मौर्य ने किया।
सर्व प्रथम आर बी सरल ने बसंत को झकझोरा "जहाँ में पग बढ़ा के जब बसंत आता है। दरीचे आबोहवा खुशनुमा हो जाता है। रघुभूषण तिवारी ने नारियों के स्थित पर सवाल किया "कभी दुर्गा कभी लक्ष्मी कभी काली हैं नारियाँ। आज भला क्यों समाज में सवाली हैं नारियाँ।" शत्रुहन सिंह कमलापुरी ने नेताओं पर प्रहार किया "कटा देश से रह गया कुर्सी से सम्बन्ध। अब लीडरशिप शब्द से आती है दुर्गन्ध।" सत्य नारायण शर्मा ने भारत माता को नमन किया "भारत माता हे मातृभूमि शतबार नमन शतबार नमन। करो कृपा भारत पर खोलो अपना नयन अपना नयन।" जोखूराम मौर्य ने देश भक्ति की लौ जलायी "ज्ञान के दीप जलेंगे घर घर मेरा यही प्लान है। भारत मेरा महान है भारत मेरा महान है।"काशीराम 'कृष्न' ने बसंत पर रचना पढ़ी "फूलों से मुस्काना कह दो, फिर से लौट के आना कह दो। अब बसंत है जाने वाला जीने का भी सहारा टूटा।"
राम सूरज वर्मा प्रकाश ने वीर रस की कविता पढ़ी "पहला वार नहीं करते हम यह संकल्प हमारा है। ललकारों से डरें नहीं हम करते वार करारा है।"युवा कवि धर्मेश सिंह ने मां का गुणगान किया "छोटा बच्चा जब जब उठता गिरता बार बार है। माँ के हाथों से सदियों से संभला वह हर बार है।" संस्थान के अध्यक्ष डॉ वी एन शर्मा ने नेताओं पर कटाक्ष किया "जलते हृदय की ज्वाला में सुलग रहा है एक सवाल। जयचंदी नेता बतलाओ क्यों बुनते विघटन का जाल।" हनुमान दीन पाण्डेय बेधड़क ने वृक्ष का महत्व बताया "हनुमान बेधड़क कहें अपना इतिहास पुराना है। वृक्ष-गोधरा के चरणों में निशदिन शीश झुकाना है।"
इस मौके पर गोष्ठी में रामभूल वर्मा, सूरज, धर्मेन्द्र, अनूप कुमार शर्मा, दीपक,सहित आदि लोग उपस्थित रहे।
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