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एम्बुलेंस न पहुंचने से युवती की मौत




कॉलसेंटर पर बैठे लोगों को नही है प्रदेश के बारे में जानकारी,जानते होते नानपारा तो पहुंच जाती एम्बुलेंस

परिजनों का आरोप एम्बुलेंस सेवा की धीमी गती के चलते गयी युवती की जान

रिपोर्ट:- राशिद अली

नानपारा (बहराइच)। प्रदेश की योगी सरकार के राज में सामने आया 108 एम्बुलेंस का सच,सरकारे भले ही बदल गयी हो लेकिन वो कहते है ना सरकारे बदलती रहती है परंतु निजाम वैसा ही रहता है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार ने स्वास्थ्य सुविधा को हाईटेक बनाने के लिए तमाम सुविधावों से लैस व मरीजों को जल्द से जल्द चिकित्सालय तक पहुचाने के लिए 108 एम्बुलेंस सेवा की शुरुवात की थी। फोन करते ही किसी भी इलाके में 30 से 45 मिनट में एम्बुलेंस पहुंचने का सपना सँजो अखिलेश यादव ने अपने इस ड्रीम प्रॉजेक्ट को धरातल पर उतार तो दिया लेकिन चाहे व भूत पूर्व सरकार रही हो या मौजूदा समय की बीजेपी सरकार स्वास्थ्य सुविधा के लिए दी जाने वाली एम्बुलेंस सरकारों के नाक के नीचे मेरीजो का खून चूसती नज़र आ रही है। बात करे अगर योगी राज कि तो योगी जी के नेतृत्व की तो यह एम्बुलें

स सुविधा और भी कमजोर पड़ती दिखने लगी है। इसकी एक बानगी जिले में देखने को मिली, मरीजो से एम्बुलेंस चालको का अवैध धन उगाही के मामले प्रकाश आया है। ऐसा ही एक मामला नानपारा कस्बे में सामने आया नानपारा के थोक फल के व्यापारी और फल व्यापार मंडल नानपारा के मंत्री तारिक अली ने बताया कि विगत 26 अगस्त को उनकी बड़ी बहन साहिना खातून उम्र लगभग 40 वर्ष की तबियत अचानक बिगड़ गई और वो डॉक्टर को बुलाने के लिए अपने घर से निकले तो रास्ते मे घर से फोन आया कि बहन की तबियत ज्यादा बिगड़ गई है, तुरंत हॉस्पिटल ले जाना पड़ेगा तो उन्होंने अपने बड़े भाई को फोन कर बताया कि घर आने में उनको समय लग सकता है क्योंकि कोई डॉक्टर मिल नही रहा है उन्होंने अपने बड़े भाई को 108 एम्बुलेंस को फोन करने को कहा तो उनके भाई ने 108 नम्बर पर फ़ोन किया तो वहां से जवाब मिला कि अभी पहुँच रहे है उसके बाद उधर से फोन आया कि नानपारा कहा पड़ता है रिसिया के पास है कि महसी के पास और ऐसे ही 108 वाले टाइम पास करते रहे मगर मरीज को लेने पहुँचे नही। तारिक अली बताते है कि वो इन समय मे घर पहुँच गए मगर एम्बुलेंस नही पहुंची घर पहुँच आनन-फानन में अपने वाहन पर बहन को लेकर हॉस्पिटल पहुंचा तब तक देर हो जाने के कारण उनकी बहन की मौत हो चुकी थी उनके परिवार के लोग कहते है कि अगर समय रहते 108 एम्बुलेंस की सुविधा मिल गई होती तो हो सकता था कि उनकी जान बच जाती।

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