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घर-घर शौचालय बनवाने का सपना देखने वाली सरकार के कर्मचारियों को गन्दगी ही है पसन्द

रिपोर्ट:- विजय पाण्डेय

बहराइच फखरपुर। यूँ तो स्वच्छ भारत का सपना प्रधानमंत्री मोदी का न हो कर पूरे देश वासियों के हो चला है,स्वच्छता का कुछ ऐसा जुनून देशवासियों पर छाया है कि कभी-कभार वे लोग सड़कों पर झाड़ू ले उतर कर फ़ोटो डालते हुवे सोशल मीडिया व अखबारों पर झाड़ू संग फ़ोटो डाल लोगो की वाहवाही लूटते नज़र आते है।केंद्र सरकार सहित प्रदेश सरकार भारत को खुले में सौंच मुक्त बनाने का सपना सँजो रहा है।इसी के चलते केंद्र सरकार द्वारा आई०आई०एच०एल० के जरिये पूरे देश मे ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सौंचलय युक्त करने का प्रयास कर रहा है, परन्तु जिला बहराइच के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजो व डॉक्टरों के लिए बने सौंचलय को वहाँ के कर्मचारियों को गन्दगी में सराबोर देखना मानो पसन्द सा है। 


बताते चले फखरपुर में बने पुरुष प्रसाधन का नजारा कुछ ऐसा है कि आने जाने वाले मरीजों के तीमारदार टॉयलेट का प्रयोग करना तो दूर उसकी बदबू से प्रसाधन के अंदर तक जाने की हिम्मत तक नही जुटा पा रहे हैं।
अस्पताल में तैनात सफाईकर्मियों ने इसे साफ सुथरा करने के बजाय इस टॉयलेट की तरफ देखना तो दूर उस ओर जाना भी बंद कर दिया है।
आपको बताते कि फखरपुर कस्बे में एक भी सुलभ शौचालय नही है रोज सैकड़ो की संख्या में आने वाले मरीज व तीमारदार शौच के लिए सड़क के किनारे भागते है व बैठे नज़र आते है। जिससे सड़क किनारे गंदगी पसरी हुई है जो गम्भीर बीमारियों को दावत दी रही है। फखरपुर की जनता जनार्दन को प्रधानमंत्री मोदी का स्वचछ भारत मिशन का अभियान महज एक सपना सा लगने लगा है।
जनता द्वारा स्वास्थ्य केन्द्र पर तैनात कर्मचारी व प्रभारी से इस विषय पर कई बार शिकायत भी की जा चुकी है लेकिन अब तक समस्या से निजात नही मिल पाई है।

कब हुवा था सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र में सौंचलय का निर्माण
वर्ष 1995 में सपा. से विधायक रहे कुँवर अरुणवीर सिंह ने एक बायो गैस शौचालय का निर्माण करवाया था जो कि सड़क एन एच 28 के चौड़ी करड़ में 2015 में टूट गया।

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