सतेन्द्र खरे
कौशांबी : सरकारी काम को भ्रष्टाचार से मुक्त बनाने को लेकर जिला प्रशासन की ओर से अभियान चलाया जा रहा। इस मुहिम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में मुनादी के साथ ही वालपेंटिंग कर लोगों को जागरूक किया जा रहा। प्रशासन की यह मुहिम रंग लाने लगी है। लोग खुलकर अब अपनी शिकायतें अधिकारियों के सामने कर रहे। लेकिन कार्रवाई करने में अफसर ढिलाई कर रहे हैं। पीड़ित कार्रवाई के लिए अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं।
जिलाधिकारी के पास ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए लोगों से अवैध तरीके से धन वसूली की शिकायत आ रही थी। जिसके बाद डीएम के निर्देश पर नेवादा ब्लाक क्षेत्र के सभी गांव में मुनादी कराई गई। इतना ही नहीं डीपीआरओ कमल किशोर ने सभी ग्राम प्रधानों को निर्देश देकर गांव के सार्वजिक स्थानों में वालपेंटिंग कराने का काम किया जा रहा। इस पहल का लोगों स्वागत किया। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के लोग अपनी शिकायत भी कर रहे। अब प्रशासनिक अधिकारियों की बारी है कि वह लोगों की शिकायतों को तेजी से निस्तारण करें। अधिकारी इस मामले को लेकर लापरवाही कर रहे।
जांच में अटके मामले
केस एक -
कौशांबी ब्लाक के पडरिया सुकवारा गांव निवासी रुप चंद्र ने 26 अगस्त को जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर बताया था कि उसके गांव में अपात्रों को गलत तरीके से आवास योजना का लाभ दिया गया है। इसके लिए संबंधित अधिकारी ने अवैध तरीके से धन भी लिया है। मामले की जांच खंड विकास अधिकारी को सौंपी गई, लेकिन अब तक मामले की जांच ही नहीं हो सकी।
केस दो -
मंझनपुर तहसील क्षेत्र के भद्दुरपुर गांव में मजरा टेनशाह निवासी शिवदास ने 18 अगस्त को मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय में शिकायती पत्र देकर बताया कि ग्राम प्रधान केवल अपने चहेतों को आवास योजना का लाभ दे रहा। ऐसे में गांव के पात्रों को आवास योजना को लाभ मिल पाना संभव नहीं। पीड़ित ने इसकी जांच कराने की मांग की थी। मामले की जांच परियोजना निदेशक डीआरडीए को सौंपी गई। जांच अब तक शुरू ही नहीं हो सकी।
केस तीन -
नेवादा ब्लाक के पुराना खोपा निवासी शंकर ने 20 जुलाई को सीडीओ को शिकायत पत्र देकर बताया कि उनके गांव में प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी अपात्रों को आवास योजना को लाभ दे रहे। इसके लिए व अवैध तरीके से धन की वसूली भी कर रहे। लोग इसको लेकर खुल कर शिकायत नहीं कर पा रहे। शंकर की शिकायत को लेकर सीडीओ की ओर से खंड विकास अधिकारी नेवादा को जांच सौंपी गई। इस मामले की जांच अब तक नहीं हो सकी।
केस चार -
चायल तहसील के शाना बीबी जलालपुर निवासी जगदेव ने सीडीओ कार्यालय में शिकायती पत्र देकर बताया कि उसके गांव के प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवेदन के साथ ही अवैध तरीके से धन की मांग की जा रही। जो लोग धन नहीं दे पा रहें उनके आवेदन पर कोई विचार नहीं हो रहा। शिकायत की जांच जिला परियोजना निदेशक डीआरडीए को सौंपी गई। इस मामले की भी जांच अब तक पूरी नहीं हो सकी।
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